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चौंक गए घरवाले जब 8 साल बाद जिंदा लौटा यह शख्स, बोला – मां मैं जिंदा हूं

8 साल बाद मिला जिंदा

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चौंक गए घरवाले जब 8 साल बाद जिंदा लौटा यह शख्स, बोला - मां मैं जिंदा हूं

रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक परिवार ने मानसिक विक्षिप्त भाई को मृत समझ लिया था उसके 8 साल बाद वापस लौट आने का मामला सामने आया है। करीब 8 साल पहले जब एक मानसिक विक्षिप्त भाई घर से निकला तो वापस नहीं लौटा। खोजते-खोजते जब आंखे पथरा गई तो परिजनों ने उसे मृत समझ लिया।

इस बीच पुलिस ने घर पहुंच कर जानकारी दी कि लापता बबलू जिंदा है और उससे फोन से बात कराई। फोन पर बेटे की आवाज सुन कर वृद्ध मां के कलेजे को ठंडक मिली। वहीं लापता बड़े भाई को लेने के लिए छोटा भाई, जबलपुर से सफर कर रायगढ़ पहुंचा। जहां पहली नजर मेंं ही लापता भाई ने छोटे भाई की पहचान लिया। काफी देर तक दोनों भाईयों की आंखे नम रही। उसके बाद स्वयं सेवा संस्था ने सुपुर्दगी की कवायद पूरी करते हुए लापता भाई को उसे छोटे भाई को सुपुर्द कर जबलपुर भेजने की कवायद की।

शहर के किरोड़ीमल नगर व उसके आसपास की सडक़ों पर लंबे बाल, दाड़ी व मूछ वाला मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति घुमता रहता था। किसी को दया आई तो खाना दे दिया तो किसी ने कुछ रुपए। इस बीच उसे एक ऑटो चालक किरोड़ीमल से रायगढ़ लाकर जस्सी फिलिप की संस्था रिहैब फाउंडेशन को सौंप दिया। जस्सी ने उक्त व्यक्ति का मानसिक डाक्टर से इलाज कराने के बाद उसके हुलिया को बदला। बड़े-बड़े बाल व दाड़ी को कटवाने के बाद उसकी लंबी काउंसलिंग की गई। जिसमें मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला व उससे प्रमुख गोपाल अग्रवाल व समाजसेवी बजरंग अग्रवाल ने भी मानसिक विक्षिप्त को अपनी ओर से काफी मदद की।

कई दिनों की मशक्कत के बाद एक दिन संस्था को सफलता मिली जब विक्षिप्त ने अपना नाम बबलू ठाकुर बताया। वहीं घर मध्य प्रदेश के जबलपुर बेलखड़ा सेपरा निवासी बताया। संस्था से बेलखड़ा पुलिस से संपर्क किया तो उन्होंने मानसिक विक्षिप्त को उसके परिजनों से मिलाने को लेकर कोई पहल नहीं की। उसके बाद संस्था से जबलपुर एसपी से फोन पर संपर्क कर मदद की गुहार लगाई। जबलपुर एसपी की मदद से पुलिस की टीम उसके घर पहुंच कर सत्यापन की। उसके बाद मोबाइल से बबलू की उसके परिजनों से बात कराई।

बबलू की आवाज सुन कर उसकी मां फोन पर ही रोने लगी तो बबलू भी इधर से रोने लगा। इस बीच परिजनों को रायगढ़ बुलाया गया। शनिवार की दोपहर बबलू का छोटा भाई जितेंद्र सिंह ठाकुर व सहयोगी संदीप साथ में रायगढ़ पहुंचे। पत्रिका के साथ चर्चा करने के दौरान जितेंद्र ने बताया कि भईया के 8 साल से लापता होने की स्थिति में उन्होंने जीवित होने की आस ही छोड़ दी थी। जितेंद्र ने यह भी बताया कि भईया पहले ठीक थे।

जब 8 साल से लापता बबलू को उसके छोटे भाई जितेंद्र ने देखा तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। इधर बबलू की नजर जब जितेंद्र पर पड़ी तो वो उसे पहचानने में एक पल की देरी नहीं हुई। बबलू ने जितेंद्र से बात करते हुए मां के बारे में पूछा। तब जितेंद्र ने बताया कि मां ठीक है। आपके घर आने का इंतजार कर रही है। यह बात सुनते बबलू की आंखो में एक बार फिर आंसू आ गए। बबलू ने पिताजी के बारे में पूछा तो भाई ने बताया कि आपके जाने के बाद उनका देहांत हो गया था।