scriptराम मंदिर मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य, करेंगे निर्णय का स्वागत- भूपेश बघेल | Ayodhya Case: CM Bhupesh baghel said wewelcome supreme court desision | Patrika News

राम मंदिर मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य, करेंगे निर्णय का स्वागत- भूपेश बघेल

locationरायपुरPublished: Oct 16, 2019 07:45:19 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

Ayodhya Case: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अयोध्या मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य होगा। फैसले के बारे में कोई भी पूर्वानुमान लगाना उचित नहीं होगा।

राम मंदिर मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य, करेंगे निर्णय का स्वागत- भूपेश बघेल

राम मंदिर मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य, करेंगे निर्णय का स्वागत- भूपेश बघेल

रायपुर. Ayodhya Case: दशकों से चल रहा अयोध्या का रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अब अपने अंतिम दौर में है। उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली। इस मामले में फैसला बाद में सुनाया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले में 40 दिन तक सुनवाई करने के बाद दलीलें पूरी कर लीं।

डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा, अजय चंद्राकर ने नाराज नेताओं को मनाने का उठाया जिम्मा

पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।

भूपेश बघेल ने कहा फैसले का स्वागत

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अयोध्या मामले पर न्यायालय का फैसला सबको मान्य होगा। फैसले के बारे में कोई भी पूर्वानुमान लगाना उचित नहीं होगा। सीएम ने कहा कि अदालत जो भी निर्णय लेगी, हम उसका स्वागत करेंगे।

अब समय नहीं देगी सुप्रीम कोर्ट

आज सुबह सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने कह दिया था कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा।

जिस पार्टी की टॉप लीडरशिप बेल पर हैं, उसके प्रदेश अध्यक्ष से दूसरों को जेल भेजने की बात शोभा नहीं देती- अमित जोगी

न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। बाद में इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई की है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो