
एम्स में आयुष्मान व स्मार्ट कार्ड, संजीवनी नहीं होने पर भी अर्पण से निशुल्क इलाज
रायपुर. राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्मार्ट कार्ड व आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना, संजीवनी समेत अन्य सरकारी योजनाओं से निशुल्क इलाज किया जा रहा है। लेकिन, दूर दराज से कुछ मरीज ऐसे भी पहुंचते हैं जिनके पास सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का कोई माध्यम नहीं रहता है। ऐसे मरीजों को अब निराश होने की जरूरत नहीं है क्योकि वह एम्स में अर्पण योजना के तहत निशुल्क इलाज करा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ उन्हें एम्स अधीक्षक के पास एक आवेदन बनाकर हस्ताक्षर कराने होंगे। एम्स में अर्पण योजना का करीब २ करोड़ रुपए का मद पड़ा हुआ है। एम्स के शुरुआत होने के समय से यह योजना संचालित है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में छत्तीसगढ़ समेत सीमा से सटे राज्य मध्यप्रदेश, ओडिशा, महराष्ट्र, उत्तरप्रदेश से भी मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। यहां की ओपीडी करीब ३५०० से पहुंच गई है। एम्स में बहुत से ऐसे मरीज पहुंचते हैं, जिनके पास इलाज के लिए पैसे नही रहते। एम्स में संचालित योजनाओं की जानकारी के अभाव में यह मरीज बैरंग वापस लौट जाते हैं।
पैट सीटी को उद्घाटन का इंतजार
एम्स के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में २५ करोड़ रुपए की लागत से पेट (पॉजीट्रॉन एमिशन टोमाग्राफी स्कैन मशीन) सीटी मशीन के स्टॉलेशन व ट्रॉयल का काम पूरा हो गया है। एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एआरबी) से लाइसेंस भी मिल गया है लेकिन उद्घाटन के अभाव में कैंसर मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। पेट सीटी मशीन का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से कराया जाना है। प्रबंधन का दावा है कि एम्स में बन रहे ऑडिटोरियम और पेट सीटी मशीन का उद्घाटन एकसाथ कराने की तैयारी की जा रही है। ऑडिटोरियम के पूरा होने में कुछ काम बाकी है।
एम्स पहुंचे मरीज पैसे के अभाव में बिना इलाज के न लौटे, इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। जिन मरीजों के पास सरकारी योजनाओं का कार्ड नहीं है तो वह अर्पण से निशुल्क इलाज करा सकते हैं। पेट सीटी का उद्घाटन जल्द होगा।
डॉ. करन पीपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर
Published on:
09 Dec 2019 11:14 am
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