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क्वारंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था से श्रमिकों की हालत हो रही खराब

कई सेंटरों में भोजन की कमी तो कहीं पर्याप्त बिस्तर नहीं

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क्वारंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था से श्रमिकों की हालत हो रही खराब

चिरमिरी क्वारंटाइन सेंटर

रायपुर/बिलासपुर/जांजगीर. राज्य में कुल 151 क्वारंटाइन सेंटर हैं, जिनकी क्षमता 3258 है और वर्तमान में 822 लोग क्वारंटाइन में रखे गए हैं। प्रवासी श्रमिकों के लिए 18127 क्वारंटाइन सेंटर चिन्हित किए गए हैं, जिनकी क्षमता 684758 है और वर्तमान में 124821 श्रमिक इन केंद्रों में रखे गए हैं। बिलासपुर व सरगुजा संभाग में क्वारंटाइन सेंटरों की अव्यवस्था सामने आने लगी है। कहीं खाने की व्यवस्था सही नहीं है तो कहीं सोने को बिस्तर तक ढंग से नहीं। पानी और टॉयलेट की व्यवस्था में भी खामी है। बिलासपुर जिले में 1146 क्वारंटाइन सेंटर है। इन सेंटरों में 9600 लोगो को ठहराया गया है। बुधवार को दो मोहानी चौक से कालेज में देर से और स्तरहीन भोजन देने पर हंगामा हुआ। इसके पहले मंगल को देवरी और मल्हार सेंटर में भी इसीलिए हंगामा हुआ। व्यापार विहार सेंटर में सर्पदंश से 1 को भर्ती कराया गया अस्पताल। मंगलवार की ही रात तबियत बिगडऩे से तखतपुर के दो सेंटर से 5 लोगो को सिम्स लाकर भर्ती कराया गया, जिसमे से 1 की रिपोर्ट आने पर बुधवार की रात सिम्स से कोविड-19 अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया।
- क्वारंटाइन सेंटर में कोई मौत, हादसा, आत्महत्या, हंगामा विरोध अधिकारी कर्मचारी प्रवासी श्रमिकों की व्यवस्था में जुटे हुए है। एक एक व्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करना संभव नहीं है। व्यवस्था में समय का आगे-पीछे व देर होना कोई बड़ी समस्या नहीं है।
डॉ. संजय अलंग, कलेक्टर, बिलासपुर

सेंटर में तबियत बिगडऩे से मजदूर की मौत
जांजगीर-चांपा. अकलतरा ब्लाक के मुलमुला क्वारंटान सेंटर में एक श्रमिक जूनाडीह झिलमिली गांव का रहने वाला बिरबल महेश्वरी पिता रामायण ( 35) गुजरात से काम कर 19 मई को लौटा था। उसे परिवार समेत 14 दिन के लिए मुलमुला के प्राथमिक शाला में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। बुधवार की शाम तक वह स्वस्थ था। रात करीब 2 बजे उसे अचानक हिचकी आई और घबराहट हुई। उसे संजीवनी एक्सप्रेस से तत्काल पामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक उसे हार्ट अटैक हुआ है।

भोजन के बाद खुले में फेंका दोना-पत्तल
चिरमिरी. कलक्टर डोमन सिंह ने नगरीय निकाय व ग्रामीण अंचल के क्वारंटाइन सेंटर में भोजन परोसने के बाद दोना-पत्तल को जमीन में डिस्पोज करने निर्देश दिए थे। लेकिन निकाय क्षेत्र में भोजन देने के बाद दोना-पत्तल को खुले में फेंक दिया गया है। जिससे आसपास क्षेत्र में संक्रमण फैलने की आशंका जताई जाने लगी है। निगम प्रशासन ने शहर से बाहर जमीन में डिस्पोज करने की बात कही थी। मामले में निगम प्रशासन, स्वस्थ्य विभाग एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए डिस्पोज करने की बात कह रहे है।

रायपुर जिले में सुबह का नाश्ता से लेकर रात के खाने तक की व्यवस्था
रायपुर. रायपुर जिले में 480 क्वारंटाइन सेंटर हैं। शहर में 53 सेंटर बनाए गए हैं। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों को सुबह 7 बजे नाश्ता, 10 बजे खाना, दोपहर में चाय व नमकीन, शाम को चाय-बिस्किट तथा रात में भोजन दिया जाता है। क्वारंटाइन सेंटर में सोने के लिए बेड व पंखे लगे हुए हैं। यहीं नहीं जूता, चप्पल, टॉवेल, साबुन आदि की भी व्यवस्था की गई है। वर्तमान में फिलहाल किसी भी सेंटर में मौत, आत्महत्या, हंगाम या विरोध की शिकायत नहीं मिली है।

24 घंटे तीन सदस्यीय टीम तैनात :

क्वारंटाइन सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम 24 घंटे तैनात रहती है। इसमें एक डॉक्टर एक नर्सिंग स्टॉफ और एक मैनेजमेंट अधिकारी शामिल हैं। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों का प्रतिदिन स्क्रीनिंग व जांच की जाती है। क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है।

- क्वारंटाइन सेंटरों में खाने, सोने और रहने की पूरी व्यवस्था की गई है। कही से कोई शिकायत मिलने पर तुरंत दूर कराया जाता है। निजी होटलों में भी क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है लेकिन उसके लिए चार्ज देना पड़ता है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ