भूपेश सरकार का नया फरमान : छत्तीसगढ़ में पटाखा फोड़ने पर रोक..न्यू ईयर, शादी और खुशी के मौकों पर अब नहीं होगी आतिशबाजी
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने वायू प्रदूषण को देखते हुए फरमान जारी, पराली और लकड़ी जलाने पर भी लगी रोक।

रायपुर. छत्तीसगढ़ में सर्दियों के दौरान बढऩे वाले प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ में अब दो माह तक पटाखे फोडऩे, पराली (पैरा) और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने वायू प्रदूषण को देखते हुए ये फरमान जारी किया है।
1 दिसंबर से 31 जनवरी तक प्रतिबंध
प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने एक दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक पटाखे फोडऩे पर प्रतिबंध लगाय दिया है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के फरमान के बाद छत्तीसगढ़ में दो माह तक पटाखे नहीं फूटेंगे। मालूम हो कि कुछ दी दिनों में सूबे में नगरीय निकाय चुनाव हो सकते हैं। प्रतिबंध लगने के बाद जीत वाले प्रत्याशी अब अपनी जीत का जश्न भी नहीं मना पाएंगे। वहीं इस फरमान का असर शादी समारोह पर भी लागू है।
पराली (पैरा) और लकड़ी जलाने पर रोक
पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा जारी फरमान के मुताबिक पराली जलाने और लकडिय़ों के जलाने पर भी रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि निर्देशों का पालन करने की जिम्मेदारी जिले के कलेक्टरों को दी गई है। कलेक्टरों को सभी जिलों पर सख्त तौर पर नजक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी की अपील
सरकार के इस आदेश के बाद अब नए साल के जश्न में भी लोगों के पटाखे फोडऩे पर ब्रेक लग सकती है। तो वहीं राज्य सरकार ने पहले की किसानों को पराली गौठानों में देने की अपील की है। हालांकि इस निर्णय से ठंड में होने वाले प्रदूषण के गुबार से लोगों को राहत मिलेगी।
इस तरह होता है नुकसानदायक
सर्दियों में दौरान हवा ऊपर से नीचे की ओर बहती है और हवा की गति भी काफी धीमी होती है। इस वजह से धुआं स्थिर तौर पर बना रहते है। ये प्रदूषण का शक्ल ले लेता है जो काफी नुकसानदायक होता है।
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