
संजय दुबे, बेमेतरा। जिले को नई पहचान दिलाने वाले पक्षी अभ्यारण के दायरे में आने वाले गिधवा-परसदा-समेत चार गांव के जलाशयों में अप्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला (Bar-tailed Godwit in Chhattisgarh ) शुरू हो चुका है। पक्षी विशेषज्ञ ए.एम.के. भरोस ने बताया कि 13,500 किलोमीटर से भी अधिक उड़ान भरकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाला पक्षी बार-टेल्ड गॉडविट का गिधवा-परसदा (Gidhwa-Parsada) व एरमसही गांव आना शुरू हो गया है। यहां वर्षों से कार्यरत वालंटियर खेमचंद जायसवाल ने बताया रेडनेपेड इबीस भी झुंड में आ रहे हैं।
तीन मार्गों से आते हैं प्रवासी पक्षी
भरोस ने बताया भारत में पक्षियों का प्रवास तीन मार्ग से होता है। जिसमें लगभग 10 देशों से पक्षी आते हैं। कुछ पहाड़ों के ऊपर से उड़ते हैं, कुछ पहाड़ों की दरारों से निकलते हैं। कुछ पक्षी समुद्र के करीब से उड़ते हैं। गिधवा-परसदा आने वाली 150 देश-विदेशी प्रजाति में बार-टेल्ड गॉडविट खास है। पीएचडी रिसर्च स्कॉलर अनुराग विश्वकर्मा ने इन परिदों को अपने कैमरे में कैद किया है।
गिधवा-परसदा क्षेत्र बहुत पसंद है परिंदों को
100 एकड़ में फैले पुराने तालाब के अलावा परसदा में भी 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है। वही मुरकुटा, नगधा, कुंरा, ऐरमसही समेत पांच गांव पक्षियों का पसंदीदा क्षेत्र है। सर्दियों की दस्तक के साथ अक्टूबर से मार्च के बीच यहां यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश आदि से भी परिंदे पहुंचते हैं। जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें आकर्षित करती है।
Published on:
02 Nov 2022 03:22 pm
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