
भारतमाला परियोजना (Photo source- AI)
Bharatmala Project: भारतमाला परियोजना में भूस्वामी के दस्तावेजों में हेराफेरी करने सफेदा (वाइटनर) लगाकर करीब 1 करोड़ 36 लाख 85,506 रुपए के भुगतान में फर्जीवाड़ा किया जाना सामने आ रहा है। मुआवजा राशि लेने के लिए अभनपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में स्थानीय किसान ह्दयलाल गिलहरे के नाम पर खाता खोला गया। इसमें रकम जमा होते ही उसे निकालने के बाद खाता बंद कर दिया गया।
भूस्वामी अरिहंत पारेख का कहना है कि इस खेल में तत्कालीन एसडीएम से लेकर आरआई, पटवारी सहित अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध हैं। इसकी दस्तावेजों के साथ लिखित शिकायत ईओडब्ल्यू से लेकर राजस्व सचिव, कमीश्नर और इससे जुडे़ अधिकारियों के पास की गई।
जहां उसके पक्ष में फैसला देने के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिली है। इस पूरे खेल में बुर्जुग किसान को मोहरे की तरह उपयोग किया गया। खाता खोलने से लेकर रकम निकालने और बंटवारा करने वाले रसूखदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की गई है। जबकि उनके पास पूरे दस्तावेजी साक्ष्य है।
जमीनी स्तर पर पूरे मामले की जानकारी जुटाने पर पता चला कि किसान ह्दयलाल के बैंक खाते में मुआवजा की राशि अंतरित की गई है। कागजों में हेरीफेरी कर उसे भूस्वामी बताकर मुआवजा लिया गया। 4 साल पहले हुए इस खेल की किसान को जानकारी तक नहीं है।
बताया जाता है कि उसके पास लाख रुपए तक नहीं है। वहीं, अफसरों ने अपनी रिपोर्ट में रिकवरी कर वास्तविक भूस्वामी को भुगतान करना का आदेश दिया है। सूचना अधिकार के तहत लिए गए दस्तावेजों में इसका उल्लेख किया गया है।
Bharatmala Project: इस संबंध में एनएचएआई और भूअर्जन के बाद मुआवजा बांटने वाले जिमेदारी अफसरों का कहना है कि जमीन के बदले रकम का भुगतान किया जा चुका है। भारतमाला परियोजना में हुए फर्जीवाड़े के खेल में सक्रिय रैकेट अब तक करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा कर चुका है।
जमीन देने के बाद भी कई लोगों को मुआवजा नहीं मिला है। वहीं, वास्तविक जमीन मालिक अब भी मुआवजे की बाट जोह रहे हैं। इस घोटाले के शिकार लोगों को कहना है कि इस खेल में रसूखदार लोगों के साथ जमीन दलालों और अधिकारियों की सांठगांठ के चलते ही फर्जीवाडा़ हुआ है।
Published on:
10 Jun 2025 11:42 am
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