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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! इस रुट की ट्रेनों के समय में हुआ बड़ा बदलाव, स्टेशन जाने से पहले देखें लिस्ट

Railway Update: नई व्यवस्था में स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल से आगे लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पर सिग्नल लगाए गए हैं। इसलिए ऐसे सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहती हैं।

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CG Train Update: एक ही रेल लाइन पर आगे-पीछे तीन से चार ट्रेनें एक साथ चलाने के प्लान पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे आगे बढ़ा है। इसके लिए 460 किलोमीटर का सेक्शन ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से लैस कर भारतीय रेलवे में पहले स्थान पर है। रेल अफसरों के अनुसार ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच की दूरी के हिसाब से सिग्नल लगाए जाते हैं।

ऐसी जगह में हरी झंडी नहीं मिलने पर आउटर में ट्रेनें रोकनी पड़ती है, परंतु नई व्यवस्था में स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल से आगे लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पर सिग्नल लगाए गए हैं। इसलिए ऐसे सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहती हैं। अगर किसी कारण से आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाती है एवं जो ट्रेन जहां पर रहेंगी वो वहीं पर रुक जाएगी। ऑटो सिग्नलिंग के माध्यम से 4, 5 या 6 ट्रेनों को प्रत्येक सेक्शन में चलाया जा सकता है जो दो स्टेशनों के बीच की दूरी पर निर्भर करता है।

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इन सेक्शनों में ट्रेनें चलाने में आएगी तेजी

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बिल्हा से जयरामनगर (30 कि.मी.), कलमना से दुर्ग (259 कि.मी.), बिलासपुर से घुटकू (16 कि.मी.), चांपा से उरगा (28 कि.मी.) रेल लाइन में ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम का कार्य पिछले वित्तीय वर्ष में किया गया था। वर्ष 2023-24 के दौरान 136.25 किलोमीटर ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम का कार्य पूर्ण किया गया है, जिसमें जयराम नगर-अकलतरा (34 कि.मी.), उरगा-गेवरा रोड (16.25 कि.मी.), दुर्ग-कुम्हारी (54 कि.मी.), धनोली-गुदमा (18 कि.मी.), सालवा-कामठी (11 कि.मी.), तथा बिलासपुर कार्ड केबिन-उसलापुर (03 कि.मी.), रेल लाइन शामिल है। इस प्रकार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का 460 किलोमीटर सेक्शन ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम से लैस है। ऐसी जगहों से ट्रेनें जल्दी और तेजी से निकाली जा रही हैं।