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बड़ा खुलासा ….तत्कालीन सरकार ने जब दिया था सुरक्षा का भरोसा, तब नंद कुमार पटेल गए थे झीरम

  शैलेश नितिन ने झीरम घाटी न्यायिक जांच आयोग के सामने दी गवाही कहा कांग्रेस नेता ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर लगाए साजिश के आरोप

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बड़ा खुलासा ....सुरक्षा का भरोसा दिलाकर नंद कुमार पटेल को झीरम ले गई थी तत्कालीन सरकार

बड़ा खुलासा ....सुरक्षा का भरोसा दिलाकर नंद कुमार पटेल को झीरम ले गई थी तत्कालीन सरकार

रायपुर/बिलासपुर.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने गुरुवार को न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाली झीरम घाटी न्यायिक जांच आयोग के सामने गवाही दी। आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल को बस्तर ले गई थी, जहां झीरम घाटी हमले में उनकी हत्या हो गई।
अपनी गवाही में कांग्रेस नेता ने बताया, परिवर्तन यात्रा से पहले बस्तर में भाजपा की विकास यात्रा निकली थी। विकास यात्रा का बस्तर दौरा जब समाप्त हो रहा था, तभी माओवादियों की ओर से परिवर्तन यात्रा और विकास यात्रा के विरोध की धमकी की जानकारी मिली। कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल ने तत्कालीन डीजीपी से बात की थी। त्रिवेदी ने बताया, नंदकुमार पटेल के पुत्र दिनेश पटेल ने उनसे कहा था कि बिना पूरी सुरक्षा के आश्वासन के मैं पापा को नहीं जाने दूंगा। उस समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मुकेश गुप्ता और आरके विज ने परिवर्तन यात्रा को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया था। त्रिवेदी ने दावा किया कि सुरक्षा का भरोसा दिलाकर उनका बस्तर जाना सुनिश्चित किया गया था। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया, नंदकुमार पटेल के पुत्र दिनेश पटेल माओवादियों के निशाने पर नहीं थे। उनको पहचान लेने के बाद भी माओवादियों ने हत्या की, जैसा वे सामान्यत: नहीं करते। त्रिवेदी का कहना था, दिनेश पटेल ही नंद कुमार पटेल की राजनीतिक योजनाओं और कार्यक्रमों का रेकार्ड रखते थे। उनकी हत्या सीधे-सीधे किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि महेन्द्र कर्मा नक्सलियों की हिट लिस्ट में थे, उनकी सुरक्षा कम रखने के एवज में रमन सिंह सरकार ने माओवादियों को नंदकुमार पटेल एवं दिनेश पटेल की हत्या करने की सुपारी दी थी। यही कारण है कि माओवादियों ने नंद कुमार पटेल के साथ-साथ उनके पुत्र को भी मार दिया और उनका लैपटाप और मोबाईल साथ लेते गए।


15 जून को बड़े खुलासे की सूचना दी थी

त्रिवेदी ने बताया, दिनेश पटेल ने उन्हें 2३ मई 201३ को एसएमएस किया था। उसमें उन्होंने कहा था, 15 जून को प्रदेश कांग्रेस, रमन सिंह को लेकर एक बड़ा खुलासा करेगी, इसके बाद रमन सिंह और अन्य मंत्री का इस्तीफा निश्चित है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खरसिया थाने में इसके आधार पर शिकायत भी की थी, लेकिन कभी जांच नहीं हुई।

भाजपा नेता ने मंत्री कवासी लखमा के नार्को टेस्ट की मांग की
झीरम घाटी हमले के समय कांग्रेस में रहे भाजपा नेता शिव नारायण द्विवेदी ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा और खुद के नार्को टेस्ट की मांग वाला आवेदन दिया। संवाददाताओं से बात करते हुए द्विवेदी ने बताया, सुकमा से केशलूर जाते समय नंद कुमार पटेल कवासी लखमा को अपनी गाड़ी में बिठाना चाहे लेकिन लखमा तैयार नहीं थे। वे बार-बार टेंट वाले का भुगतान और खाना खिलाने की बात कहकर जाने को टाल रहे थे। इसके बाद भी नंद कुमार पटेल उन्हें गाड़ी में बिठाकर ले गए। झीरम घाटी में जब धमाका हुआ और फायरिंग होने लगी तो ये लोग गाड़ी से बाहर निकले। कवासी लखमा ने कहा फायरिंग बंद करो मैं कवासी लखमा हूं। इसके बाद फायरिंग बंद हो गई थी। फिर नंद कुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, गाड़ी के ड्राइवर और कवासी लखमा को माओवादी जंगल के अंदर ले गए। जहां नंद कुमार पटेल और दिनेश पटेल की हत्या कर दी गई, लेकिन कवासी लखमा को छोड़ दिया गया। द्विवेदी ने कहा क जब तक इस मामले में कवासी लखमा का नार्को टेस्ट व सीबीआई जांच नहीं होती है तब तक सच्चाई सामने नहीं आएगी।