
कांग्रेस-भाजपा (पत्रिका फाइल फोटो)
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल पूरी तरह से शांत हो गया है। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों का फोकस संगठन की मजबूती है। इससे पहले दोनों के सामने संगठन विस्तार की चुनौती खड़ी है। बताया जाता है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ने संगठन विस्तार को लेकर अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। अब राष्ट्रीय संगठन की हरी झंडी का इंतजार है। हालांकि इंतजार की वजह से कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है और संगठन के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है।
प्रदेश भाजपा संगठन की नई कार्यकारिणी के ऐलान में विलंब हो रहा है। इससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। क्योंकि निगम-मंडल में प्रदेश भाजपा के 20 से पदाधिकारियों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है। ऐसे में रिक्त पदों पर प्रमुख दावेदार कार्यकर्ता आसीन होने की आस लगाए बैठे है।
चूंकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव को दोबारा अध्यक्ष बने पांच माह से अधिक हो गए हैं। ऐसे में नई कार्यकारिणी को लेकर प्रदेशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर टिकी हुई है। इसके अलावा भाजपा के सात मोर्चा, 30 प्रकोष्ठ में भी मंडल और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है, क्योंकि वर्तमान अध्यक्षों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है। इन मोर्चा और प्रकोष्ठ भी नए चेहरे आना चाहते हैं।
प्रदेश भाजपा संगठन में दो नए चेहरों को प्रदेश महामंत्री बनाए जाएंगे। इसके लिए मोर्चा-प्रकोष्ठ के प्रमुख पदाधिकारी जुगाड़ लगा रहे हैं। क्योंकि वर्तमान प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव को नान का अध्यक्ष और जगदीश रामू रोहरा धमतरी नगर निगम का महापौर बना है। ऐसे में ये महत्वपूर्ण पद को पाने के लिए सबसे ज्यादा जुगाड़ दावेदार लगा रहे हैं।
वहीं, भाजपा महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद पर भी भाजपा नेत्रियों की निगाहें टिकी हुई है। क्योंकि वर्तमान महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत को भी सरकार ने हस्तशिल्प विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में इस पद भी किसी तेज-तर्रार भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य को कमान सौंपा जाएगा।
कांग्रेस में लंबे समय से संगठन विस्तार की कवायद चल रही है। हर बार-बार मामला किसी न किसी कारण से फंस जाता है। एक तरह से कह सकते हैं कि गुटबाजी की वजह से संगठन विस्तार में देरी हो रही है। हालांकि इसका तोड़ निकाल लिया गया है। खैरागढ़ और जशपुर जिले में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मतभेद सामने आए थे।
इसके बाद कांग्रेस ने दोनों जगह पर्यवेक्षक बना दिए हैं। इसके अलावा रायपुर और बिलासपुर शहर अध्यक्ष को लेकर भी टकराव की स्थिति निर्मित हो रही है। रायपुर में जिलाध्यक्ष के लिए दो नाम फाइनल हो गए हैं। दोनों नाम संगठन की तरफ से है। ऐसे में एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
संगठन से जुड़े जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में संगठन के विस्तार के लिए किसी प्रकार के नए फार्मूले पर काम नहीं हो रहा है। केवल यह देखा जा रहा है कि कौन कार्यकर्ता संगठन के लिए कितनी ईमानदारी और समर्पण से काम कर सकता है। इसके आधार पर वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल बिठाकर संगठन विस्तार की कवायद की जा रही है।
कांग्रेस में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा है। वर्तमान में राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम लंबे समय से महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर काबिज है। वे करीब 9 साल से प्रदेश अध्यक्ष है। हालांकि इससे पहले नेताम ने जुलाई 2023 को अपना इस्तीफा शीर्ष नेतृत्व को सौंपा था, लेकिन वो मंजूर नहीं हुआ।
Published on:
17 Jun 2025 11:59 am
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