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कांग्रेस नेता गजराज पगारिया के भाई गए जेल, 1.5 करोड़ की धोखाधड़ी का है मामला

locationरायपुरPublished: Oct 02, 2019 11:13:40 pm

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CG Desk

गजराज पगरिया की पत्नी के शिकायत पर पुलिस ने सुशील पगारिया के खिलाफ धारा 420, 467, 468 के तहत दर्ज किया केस।

कांग्रेस नेता गजराज पगारिया के भाई गए जेल, 1.5 करोड़ की धोखाधड़ी का है मामला

कांग्रेस नेता गजराज पगारिया के भाई गए जेल, 1.5 करोड़ की धोखाधड़ी का है मामला

रायपुर . कांग्रेस के पूर्व महापौर और बिजनेस टायकून गजराज पगारिया फिर से चर्चे में हैं। राजधानी की सिविल लाईन पुलिस से डेढ़ करोड़ की ठगी मामले में कांग्रेस नेता के भाई सुशील पगारिया को गिरफ्तार कर लिया है। सुशील पगारिया के खिलाफ गजराज पगरिया की पत्नी दुर्गादेवी ने जुलाई महीने में जाली हस्ताक्षर कर बैंक से डेढ़ करोड़ का लोन लेने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर पुलिस ने सुशील पगारिया के खिलाफ धारा 420, 467, 468 के तहत केस दर्ज किया था। आज पुलिस ने मामले में सुशील पगारिया को गिरफ्तार कर लिया है।

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दरअसल कांग्रेस नेता और बिल्डर गजराज पगारिया की पत्नी दुर्गादेवी के नाम से छत्तीसगढ़ पावर प्रोजेक्ट कंपनी है। इसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मेंबर में उनका बड़ा भाई सुशील भी है। 2013 में उन्होंने कंपनी शुरू की थी। सुशील ने 2016 में कंपनी की मालकिन गजराज की पत्नी दुर्गा देवी के नाम से बैंक से 1.5 करोड़ का कर्ज लिया। उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर लिया था।

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आरोपी ने कंपनी को भी इसकी सूचना नहीं दी। उन पैसों को अपने निजी कार्यों में खर्च कर लिया। जब बैंक से किश्त जमा करने के लिए नोटिस आया तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। तब से कंपनी कर्ज चुका रही है। पुलिस के अनुसार कर्ज के बारे में कंपनी के किसी भी मेंबर को जानकारी नहीं थी। पैसा भी कंपनी के खाते में जमा नहीं किया गया। शिकायत पर पुलिस ने पुलिस ने सुशील पगारिय़ा के खिलाफ धारा 420, 467, 468 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। आज गिरफ्तार कर लिया गया है।

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दोनों भाईयों में लंबे समय से चल रहा पैतृक संपत्ति विवाद
राजधानी के बिल्डर गजराज पगारिया और उनके भाई सुशील पगारिया के बीच कई सालों से पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। धोखाधड़ी मामले में पुलिस पहले भी सुशील पगारिया और उनके एकाउंटेंट शाहिद खान को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं गजराज के इकलौते बेटे प्रियेश पगारिया पर गोली दागने के मामले में पुरानी बस्ती पुलिस ने सुशील के घर की तलाशी ली थी। हालांकि पुलिस के हाथ सिर्फ संपत्ति के कुछ दस्तावेज ही लगे थे। गोलीकांड मामले में सुशील के मोबाइल के कॉल डिटेल भी खंगाला गया था।

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कंपनी के लिए 1.50 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था। कंपनी को मिले डेढ़ करोड़ रुपए लोन को सुशील ने बिना दुर्गादेवी की अनुमति के मेसर्स मांगीलाल पगारिया कंपनी में ट्रांसफर कर दिया। इसके लिए उसने सेल्फ चेक लगाया था। इसकी जानकारी होने पर उससे रुपए की मांग की गई, लेकिन उसे राशि देने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत गजराज ने सिविल लाइन थाने में की। जांच के बाद पुलिस ने सुशील के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। बुधवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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