
CG Politics : छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर रविवार को दिल्ली में भाजपा कोर ग्रुप की अहम बैठक हुई। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष की मौजूदगी में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की गई।
माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व मंत्रिमंडल के विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। यदि ऐसा होता है तो सोमवार की शाम को राजभवन में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह होना लगभग तय है। राजभवन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा का सत्र 19 दिसम्बर से होगा। इससे पहले भाजपा में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर दवाब बढ़ गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने दो डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के साथ रविवार को रायपुर से दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और सहप्रभारी नितिन नबीन से मुलाकात की। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम भी मौजूद थे। इसके बाद देर शाम बैठक में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा हुई।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने रविवार को राजभवन में रामविचार नेताम को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। नेताम ने छत्तीसगढ़ी में शपथ ली। समारोह में राज्यगीत ‘अरपा पैरी के धार...’ को भी बजाया गया। इसके बाद नेताम ने कहा कि प्रदेश की जनता को ये उम्मीद थी कि छत्तीसगढ़ी में प्रोटेम स्पीकर को शपथ लेना चाहिए। हम सब छत्तीसगढ़ी महतारी की सेवा करने के लिए आए हैं। स्वाभाविक है सब की भावनाओं का भी सम्मान हो। समारोह में सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव व विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बता दें कि अब प्रोटेम स्पीकर 19 दिसम्बर को विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने रविवार को विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन जमा किया। उनका निर्विरोध चुना जाना तय है। इस दौरान सत्ता के साथ विपक्ष के भी प्रमुख नेता मौजूद रहे।
सीएम की तरह टीम भी होगी ‘नई’
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान की भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में ज्यादातर 60 साल से कम उम्र के चेहरों को मौका मिलेगा। कुछ अपवाद को छोड़ अधिकतर चेहरे मुख्यमंत्री के हमउम्र या उससे कम होंगे, ताकि पहली बार कुर्सी पाए मुख्यमंत्रियों को न सरकार चलाने में दिक्कत हो और न ही सहयोगियों को दिशा निर्देश देने में असहज होना पड़े। नए चेहरे रहेंगे तो उनकी नए मुख्यमंत्रियों के साथ तारतम्य बैठने में भी आसानी होगी। जिस तरह से 60 साल से कम उम्र के तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने पीढ़ी परिवर्तन की शुरुआत की, उसी तर्ज पर अब नए चेहरों से लैस मंत्रिमंडल भी बनाने की चर्चा हुई है।
Updated on:
18 Dec 2023 11:13 am
Published on:
18 Dec 2023 11:12 am
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