
तहसीलदार और पटवारी का खेल, गलत रिपोर्ट लगाकर सरकारी जमीन के कब्जे का मामला कर दिया खारिज
रायपुर।Crime News : राजस्व विभाग में रोज नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। अब मामला खरोरा तहसील का सामने आया है। खरोरा के तहसीलदार पवन कोसमा ने शासकीय भूमि में अवैध निर्माण के एक मामले में दूसरी भूमि के दस्तावेज लगाकर प्रकरण को खारिज कर दिया। वह भी सिर्फ दो दिन में। आवेदिका को जानकारी दिए बिना ही पेशी में अनुपस्थित भी घोषित कर दिया। पटवारी से जांच प्रतिवेदन बनाकर आवेदिका को बिना बताए तहसील कार्यालय में पेशी में अनुपस्थित दर्ज करा दी। जबकि आवेदिका को इस संबंध में कोई जानकारी व दस्तावेज नोटिस तामील नहीं की गई।
यह है मामला
मामला 312 वर्ग फीट पर बन रहे निर्माण पर नहीं बल्कि उसके बाजू में अवैध निर्माण करने पर विवाद है और उसी पर पूर्व तहसीलदार द्वारा स्थगन दिया गया था। पटवारी द्वारा जांच प्रतिवेदन भी 312 वर्ग फीट भूमि का ही बनाकर दिया गया है, जबकि पूर्व तहसीलदार ने 312 वर्ग फीट पर स्टे लगाया ही नहीं था। स्थगन आदेश आवेदिका के सामने बने 36 फीट पर लगा था। विवादित भूमि का कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करने के बावजूद एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए मामले को खारिज कर दिया गया। शासकीय जमीन में अवैध निर्माण करके आवेदिका का घर पूरी तरह से ढंक दिया गया है। जबकि प्रकरण सिविल कोर्ट में मामला चल रहा है।
ऐसे समझे कैसे हुआ खेल
आवेदिका संगीता सोनी ने जून महीने में तहसील कार्यालय पर मेन रोड पर अपने दुकान के सामने हो रहे निर्माण पर रोक लगाने आवेदन देकर तहसीलदार जयेन्द्र बघेल पर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर जयेन्द्र बघेल तहसीलदार द्वारा मौका निरीक्षण कर तत्काल उस पर स्थगन आदेश दिया गया था, जिस पर इस संबंध में अनावेदिका जीवन देवांगन से दस्तावेज संलग्न करने कहा गया, जिस पर दस्तावेज कोई प्रस्तुत न कर जयेन्द्र बघेल द्वारा इस पर स्थाई रूप से स्थगन आदेश जारी किया था, जिसके बाद तहसीलदार का ट्रांसफर हो गया और नव पदस्थ तहसीलदार पवन कोसमा के समक्ष भी इस स्टे के संबंध में 2 सितम्बर को अवगत कराया गया, जिस पर आवेदिका संगीता सोनी ने सिविल कोर्ट के दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी तहसील कार्यालय में जमा कराई।
दो बार बताया अनुपिस्थत
एक बार नहीं दो-दो बार आवेदिका को अनुपस्थित घोषित किया गया। इस तरीके से कैसे फर्जीवाड़ा कर एक पक्ष को फायदा पहुंचाने का काम तहसील कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। यह सब उसे समय पर हुआ गया है, जब जिस तारीख को पेशी तहसील कार्यालय खरोरा में रखा गया है उसी दिन पेशी व्यवहार न्यायालय तिल्दा में भी था। उसके बावजूद भी फर्जी तरीके से पेशी में अनुपस्थित आवेदिका को दर्ज किया गया हैं।
मामला न्यायालय में चल रहा था, मिले दस्तावेजों के आधार पर खारिज किया गया है। अब उन्होंने एसडीएम को अपील की है।
- पवन कोसमा, तहसीलदार, खरोरा
यदि ऐसा किया गया है तो मामला गलत है। मामले की जांच करवाकर इसकी जानकारी तिल्दा एसडीएम से मांगी जाएगी।
- डॉ. सवेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, रायपुर
Published on:
17 Oct 2023 11:48 am
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