
Mahadev Satta App : राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने ईडी के प्रतिवेदन पर महादेव बुक सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी सहित कई अज्ञात कारोबारियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें सभी के खिलाफ साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है। शिकायती आवेदन में नामजद लोगों के साथ ही अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। साथ ही बताया गया है कि सिडिंकेट बनाकर महादेव बुक सट्टे का खेल चल रहा है। बता दें कि इस समय ईडी महादेव बुक ऑनलाइन सट्टे की जांच कर रही है। इस प्रकरण में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं अदालत में 10000 पन्नों का चालान पेश किया जा चुका है। इसमें 9084 पन्ने का का चालान और 197 पन्नों की समरी शामिल है।
यह हैं आरोपी
महादेव बुक ऐप के प्रमुख सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, पूनाराम वर्मा, शिवकुमार वर्मा, यशोदा वर्मा, पवन नत्थानी, रोहित गुलाटी, अनिल अग्रवाल, शुभम सोनी, विकास छापरिया और सृजन एसोसिएट को समंस जारी किया गया है। वहीं चंद्रभूषण वर्मा,सतीश चंद्राकर,अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, नीतीश दीवान, अमित अग्रवाल, नीतीन टिबरेवाल, गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
3000 पन्नों का पूरक चालान पेश
महादेव सट्टा में नीतीश दीवान, अमित अग्रवाल, नीतीन टिबरेवाल के भूमिका की जांच करने के बाद 3000 पन्नों का पूरक का चालान पेश किया है। वहीं प्रकरण की सुनवाई वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई हुई। अब इस प्रकरण की सुनवाई 14 मार्च को होगी।
गिरीश और सूरज 23 तक भेजे गए जेल
गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को पूछताछ के बाद सोमवार को ईडी के विशेष कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान ईडी ने पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड मांगी। लेकिन, बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के दौरान तलाशी में कुछ नहीं मिला इसके बाद भी 7 दिन की रिमांड पर लिया गया। दोबारा फिर उनके पक्षकारों को परेशान करने रिमांड मांगी जा रही है। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद गिरीश और सूरज को 23 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया।
6 महीने में ईओडब्ल्यू ने दर्ज किए 6 एफआईआर
ईडी के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू और एसीबी ने कोयला घोटाला, शराब घोटाला, डीएमएफ घोटाला, पीएससी घोटाला और कस्टम मिलिंग मामले में केस दर्ज किया है। इसके बाद अब महादेव सट्टा प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बता दें कि पीएससी और कोल स्कैम में ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर नेताओं,पूर्व मंत्री, विधायक, सेवानिवृत आईएएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। महादेव सट्टा में कारोबारियों के साथ अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर को आरोपी बनाया गया है। हालांकि सट्टा ऐप के प्रमोटर्स के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर में पुलिस अधिकारियों के नाम क्यों नहीं
ईडी के शिकायती प्रतिवेदन में किसी भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम दर्ज नहीं हैं। ईडी ने जब इससे जुड़े लोगों के बयान लिए तो कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम जरूर सामने आए हैं । मगर वो नाम नहीं दिए गए हैं। इसलिए एफआईआर में किसी का नाम नहीं है। बताया जाता है कि अब ईओडब्ल्यू ईडी के शिकायती प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण की जांच नए सिरे से करेगी।
Updated on:
12 Mar 2024 07:55 am
Published on:
12 Mar 2024 07:51 am
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