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CBSE छात्रों के लिए नई व्यवस्था, अब नहीं लें पाएंगे शिक्षा विभाग की खेल प्रतियोगिताओं में भाग…आदेश जारी

CBSE: स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) ने सीबीएसई (CBSE) को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में मान्यता प्रदान की है, जिससे सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्र-छात्राएं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकेंगे।

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CBSE

CBSE School: छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले शालेय खेलों मेें अब सीबीएसई स्कूलों के खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इस संबंध में बुधवार को लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी कर दिया है। स्कूल गेस फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीआईएफ) ने राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में सीबीएसई को अलग से संबंद्धता प्रदान कर दी है।

इसलिए अब छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले प्रतियोगिताओं में सीबीएसई स्कूलों के बच्चों को खेलने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस आदेश के बाद अब ब्लॉक, जिला, संभाग और राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिताओं में केवल छत्तीसगढ़ बोर्ड के स्कूलों के बच्चों को ही खेलने का मौका मिलेगा।

ग्रामीण व सरकारी स्कूलों को मौका

सीबीएसई स्कूलों के स्कूल गेस में उतरने से ग्रामीण और सरकारी स्कूल के खिलाड़ी पीछे रह जाते थे, क्योंकि उनके स्कूलों में राष्ट्रीय स्तर के मैदान और ट्रेनिंग प्रदान की जाती है। शालेय खेलों से सीबीएसई के बच्चों को अलग करने से अब ग्रामीण और सरकारी स्कूलों के बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अधिक मौके मिलेंगे। साथ ही नेशनल टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।

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CBSE: शालेय गेस के बजट पर पड़ेगा असर

सीबीएसई स्कूलों के बच्चों के शालेय खेलों में शामिल नहीं करने पर शालेय गेस के बजट पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा। अब तक सीबीएसई स्कूल वाले हाईस्कूल के प्रत्येक बच्चे के खेलने पर 50 रुपए और हॉयर सेकंडरी के प्रत्येक बच्चे पर 65 रुपए खेल शुल्क के रूप में लोक शिक्षण संचालनालय को देते थे। अब सीबीएसई के बच्चे को अनुमति नहीं मिलने से शुल्क नहीं मिलेगा और उसके बजट में कमी आएगी। अब शालेय खेलों के आयोजन और स्पोर्ट्स किट समेत समस्त खर्चों को स्कूल शिक्षा विभाग को अतिरिक्त बजट का प्रावधान करना पड़ेगा।

सीबीएसई अलग से आयोजित करेगा स्पर्धा

स्कूल गेस फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीआईएफ) ने राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में सीबीएसई को अलग से संबंद्धता प्रदान कर दी है। इसलिए अब नेशनल में सीबीएसई की अलग से टीम उतरेगी। इसके लिए सीबीएसई को अलग से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करना पड़ेगा और नेशनल भेजने के लिए टीम गठित करनी होगी।