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केंद्र सरकार ने डोंगरगढ़ को “प्रसाद” में दिए 63 करोड़ रूपए, मंदिर ट्रस्ट ने किया इंकार…

देश के 28 महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों (religious place) की सूची में प्रसाद (Prasad) के तहत केंद्र ने शामिल डोंगरगढ़ (Dongargarh Temple) को किया शामिल, प्रशासनिक और सरकार (Government) के हस्तक्षेप से दूर रखने ट्रस्ट के पदाधिकारी केंद्रीय मंत्री के पास पहुंचे। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Central Tourism Minister Prahlad Singh Patel) से बिना ट्रस्ट में हस्तक्षेप किए अलग प्रशासनिक समिति के माध्यम से कार्य कराने की मांग को लेकर मिले समिति के सदस्य।

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केंद्र सरकार ने डोंगरगढ़ को "प्रसाद" में दिए 63 करोड़ रूपए, मंदिर ट्रस्ट ने किया इंकार...

आकाश शुक्ला@रायपुर। केंद्र पर्यटन मंत्रालय (Center Tourism Ministry) ने डोंगरगढ़ (Dongargarh Temple) को राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन के रूप में संवारने के लिए चयनित किया है। लेकिन बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट (Bamleshwari temple trust) के अनुमति न मिलने से प्रदेश (Chhattisgarh) की महत्वपूर्ण योजना खटाई में पड़ती दिख रही थी। इसे केंद्रीय मंत्री से मिलकर सुलझा लिया गया।

प्रसाद योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देश 28 धार्मिक स्थलों को संवारने के लिए चयनित किया। इसमें छत्तीसगढ़ से एक मात्र स्थल डोंगरगढ़ को शामिल किया गया। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने इसकी कार्य योजना बनाकर भेज दी थी। लेकिन केंद्र के नियम के अनुसार मंदिर ट्रस्ट में कलेक्टर को अध्यक्ष बनाकर सहमति पत्र देना था। जिसे लेकर राज्य पर्यटन मंडल (Chhattisgarh Tourism board) और ट्रस्ट के बीच बात नहीं बन रही थी। अधिकारियों ने बताया कि बम्लेश्वरी ट्रस्ट नहीं चाहता था कि उनकी समिति में प्रशासनिक अधिकारी अध्यक्ष बने। आपसी सहमति नहीं बनने पर ट्रस्ट के पदाधिकारी केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से मिलकर योजना के क्रियान्वयन के लिए अलग प्रशासनिक समिति बनाने पर सहमति बन गई है।

इन्हें संवारने की बनाई योजना
पर्यटन मंडल (Tourism board) द्वारा 10 एकड़ भूमि को पर्यटकों के लिए विशेष रूप से डेवलप करने, डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी मंदिर परिसर के नीचे का हिस्सा संवारने, तालाब सौंदर्यीकरण, पार्र्किंग, ठहरने के लिए इकाई सहित अन्य काम किए जाने हैं।

इस लिए हुआ डोंगरगढ़ का चयन
पहले दंतेश्वरी मंदिर (Danteshwari Temple) का चयन किया था। लेकिन बाद में फिर डोंगरगढ़ में अन्य राज्यों से आने वाले 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संख्या, आवागमन के लिए पर्याप्त सुविधा, राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और मान्यता होने की वजह से इसका चयन किया गया।

63 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसके लिए बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट से सहमति जरूरी थी। इसमें कलक्टर को अध्यक्ष बनाकर उनके देखरेख में काम किया जाना था। जिसे लेकर बात अटका हुआ है।
भीम सिंह, एमडी, पर्यटन मंडल

बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अपने नियम कानून हैं। इसमें किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या कलेक्टर को अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता था। ट्रस्ट के पदाधिकारी इस मामले में केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मिले। उन्होंने पृथक प्रशासनिक समिति बनाकर योजना क्रियान्वित करने की सहमति दे दी है।
नवनीत तिवारी, सचिव, बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट