
Chhattisgarh News: रायपुर राजधानी में एक इलाका ऐसा भी जहां अपना मकान होने का मतलब दूसरे का फरमान मानना पड़ेगा। फिर चाहे घर रेनोवेट करवाना हो, किराए पर देना हो या बेचना हो! रहवासियों का कहना है कि घूस दिए बिना कुछ नहीं करवा सकते। ये वसूली एनओसी के नाम पर होती है।
केबल बिछाने एनओसी के तौर पर मांगे 3 लाख
और इसकी एवज में पैसों की डिमांड की।
रहवासियों ने साझा किया अपना दर्द...
केस-1: कॉलोनी के गौतम दत्ता ने बताया कि राकेश ने उनसे बी-1 निकलवाने की एवज में 26 हजार रुपए मांग लिए। जबकि, कॉलोनी के नियम और शर्तों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मजबूरी में उन्हें पैसे देने पड़े।
केस-2: राजेंद्र सिन्हा ने बताया कि राकेश ने उनसे भी बी-1 के नाम पर 21 हजार रुपए की वसूली कर ली। पैसे देने से मना करने पर काम अटका दिया जाता। ऐसे में उन्हें न चाहते हुए भी पैसे देने पड़े।
अध्यक्ष से नहीं मिला जवाब
मामले को लेकर रविवार शाम पत्रिका ने समिति की अध्यक्ष अल्का सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया। परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति ने फोन उठाया था। दोबारा कॉल नहीं करने की बात कहते हुए फोन काट दिया गया।
कॉलोनी के नियमों के मुताबिक खाली प्लॉट या मकान बेचने पर ही एनओसी और कुछ प्रतिशत राशि समिति के खाते में जमा कराने का प्रावधान है। राकेश ने दूसरे कामों के लिए भी लोगों से पैसे लिए। काफी समय तक हमें इसकी जानकारी नहीं थी। जानकारी मिलने पर आपत्ति भी जताई थी।
- श्याम सुंदर शर्मा, संचालक मंडल सदस्य, सेंचुरी कॉलोनी
रात होते ही अंधेरे की आगोश में होती है सड़कें
बीते 15-20 दिनों से इलाके की स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रहीं हैं। रहवासियों ने बताया कि अब रात होते ही पूरा इलाका अंधेरे की आगोश में समा जाता है। इसका कारण ये है कि समिति ने पिछले 10 महीने से बिजली का बिल ही नहीं पटाया है। वो भी तब जब समिति के खाते में लाखों रुपए हैं। इसके अलावा कॉलोनी की पेयजल व्यवस्था भी ठप है।
कैमरे काम नहीं कर रहे। स्थिति ये है कि कोई असामाजिक तत्व कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
Published on:
01 May 2023 02:29 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
