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CG Assembly Election 2023 : यहां प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा मार्केट , व्यवस्थाएं कस्बे के बाजार से भी बदतर

CG Assembly Election 2023 : वैसे तो हर क्षेत्र की अपनी एक समस्या होती है, लेकिन यहां के मतदाता रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र को बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर बने, लेकिन सुविधाओं के मामले में कस्बों जैसी स्थिति है।

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CG Assembly Election 2023 : यहां प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा मार्केट , व्यवस्थाएं कस्बे के बाजार से भी बदतर

CG Assembly Election 2023 : यहां प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा मार्केट , व्यवस्थाएं कस्बे के बाजार से भी बदतर

CG Assembly Election 2023 : रायपुर उत्तर विधानसभा सीट रायपुर जिले का सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है। इसमें रायपुर शहर के साढ़े 17 वार्ड आते हैं। वैसे तो यह विधानसभा सीट किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यहां छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पंडरी कपड़ा मार्केट है। देवेन्द्रनगर और सिविल लाइन में अफसरों का रहवास है, तो इसके साथ ही झुग्गी झोपड़ी में भी यहां के मतदाता हैं। वैसे तो हर क्षेत्र की अपनी एक समस्या होती है, लेकिन यहां के मतदाता रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र को बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर बने, लेकिन सुविधाओं के मामले में कस्बों जैसी स्थिति है। यानी सुविधा हैं, पर आधी-अधूरी। सड़कें हैं, पर चौड़ी नहीं है। पार्किंग है, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं। वहीं उत्तर विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा तबका जलभराव की चपेट में हर बार आता है। झुग्गी में रहने वाले सरकारी पट्टा और मकान का इंतजार कर रहे हैं। इस दिशा में कुछ काम जरूर हुआ, लेकिन पहुंच सभी तक नहीं बन सकी है।


मैंने अपने विधानसभा सीट के दौरे की शुरुआत नमस्तेचौक या फिर कहे, तो गुरुजीचौक से की। यहां व्यवस्था चाक-चौबंद है। कारण पास में ही अफसरों के मकान हैं। इसके बाद मैं पंडरी पहुंचा। रास्ते में कई जगह ट्रैफिक जाम मिला। यहां के व्यापारियों से उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा की, तो उन्हें भी लगा कोई उनकी बात सुनने आया है।


पट्टे और मकान का इंतजार


रायपुर उत्तर विधानसभा सीट में बड़ी कॉलोनी के साथ उत्कलनगर, मौलीपारा, दुर्गानगर, कुंदरापारा, शक्तिनगर, जगन्नाथनगर जैसी अन्य बस्तियां भी हैं। बस्ती के निवासी, अजय वर्मा, राकेश साहू, अनिल विश्वकर्मा का कहना है कि पट्टे के लिए सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान नहीं मिल रहा है। आवेदन के बाद भी लोगों का इंतजार लंबा होते जा रहा है। हालांकि सड़कों में कुछ सुधार हुआ है। पिछले दिनों सीएम ने कई विकास कार्यों की सौगातें दी हैं।

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हर साल जलभराव से परेशानी


यहां के नहरपारा, नर्मदापारा, धोबीपारा, गोरखा कॉलोनी, अवंति विहार जैसे क्षेत्रों में हर साल जलभराव की स्थिति होती है। यहां के नाले की वजह से यह परेशानी आती है। शिकायतों के बाद भी बहुत ज्यादा समाधान नहीं होता है। हालांकि सीएम ने यहां के नालों को ढंकने के लिए राशि देने की घोषणा की है।

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शौचालय और फायर सब-स्टेशन बने


यहां के दी रायपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष पृथ्वीपाल सिंह छाबड़ा, सचिव जयराम बजाज, उपाध्यक्ष मूलचंद खत्री, दीपक हबलानी, जगमोहन बिहारी ने बताया कि यहां शौचालय और पार्किंग की बड़ी समस्या है। शासन से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि यहां करीब 1000 दुकानें हैं, जिसमें 10 हजार लोग काम करते हैं। दो मकानों के मुआवजा विवाद की वजह से सड़क चौड़ीकरण का काम अटका हुआ है। यदि सड़क बनती है, तो ट्रैफिक जाम की समस्या से बड़ी राहत मिल सकती है। फायर सब-स्टेशन के निर्माण के लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा है।

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बसस्टैंड का हो सही उपयोग


भाठागांव में अंतरराज्यीय बसस्टैंड बनाने के बाद पंडरी का बसस्टैंड खाली पड़ा है। यहां का भवन जर्जर हो रहा है। जबकि इसे बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। व्यापारियों का कहना है कि इससे छत्तीसगढ़ की नई पहचान भी बनेगी। बसस्टैंड की जगह के लिए कई व्यापारिक संगठनों ने अपने दावे किए हैं।