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CG Congress: हार के बाद कांग्रेस में होगा बड़ा उलटफेर, युवाओं-महिलाओं पर ज्यादा असर, कुछ दिग्गजों की जाएगी कुर्सी

CG Congress: प्रदेश संगठन के अलावा जिला संगठनों में भी बदलाव होगा। हार की आंच से प्रदेश के कई प्रमुखा पदों पर बैठे नेताओं और जिलाध्यक्षों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है।

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CG Congress

CG Congress: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दिग्गजों को लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के बाद भी प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। अब पार्टी के भीतर भी हार के कारणों की समीक्षा होने की बात जोर पकड़ने लगी है। इसके साथ ही कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिले हैं। इसमें प्रदेश संगठन (CG Congress) के अलावा जिला संगठनों में भी बदलाव होगा। हार की आंच से प्रदेश के कई प्रमुखा पदों पर बैठे नेताओं और जिलाध्यक्षों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है।

संगठन स्तर पर इसकी तैयारियां तेज हो गई है। सबसे अहम बात यह है कि इस बार युवा कांग्रेस और खासकर महिला कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने पद से इस्तीफा भी भेज दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था।

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CG Congress: प्रत्याशियों की रिपोर्ट रहेगी महत्वपूर्ण

कांग्रेस जल्द ही हार के कारणों की समीक्षा करेगी। इसके लिए लोकसभा के सभी कांग्रेस प्रत्याशियों से हार के कारणों को लेकर एक रिपोर्ट ली जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तर में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के (CG Congress) पक्ष में कितना काम किया है। या फिर गर्मी की वजह वो घर में ही बैठे रहे। सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव में मोदी लहर की वजह से कई वरिष्ठ नेता पहले ही कांग्रेस की हार मान लिए थे। अब संगठन ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहा है। हालांकि इसमें बड़ी कार्रवाई होने की संभावना कम है।

एनएसयूआई का प्रदर्शन निराशाजनक

विधानसभा और लोकसभा चुनाव दोनों में एनएसयूआई का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी इनके कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन भी खड़ा नहीं हो सका है।

CG Congress: नहीं मिला था संगठन विस्तार का मौका

विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद लोकसभा चुनाव आ गए। ऐसे में बैज को अपने संगठन विस्तार का मौका ही नहीं मिल सकता। हालांकि उनके आने के बाद कुछ महत्वपूर्ण पदों में थोड़ा बदलाव जरूर हुआ है। अब लोकसभा चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनाव के लिए करीब पांच से छह महीने का अंतर है। ऐसे में उम्मीद है कि निकाय चुनाव में नई ऊर्जा के साथ चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस संगठन में बदलाव करेगी।