हालांकि पिछले माह करवाए गए रजिस्ट्रेशन में 4 छात्र नए आए, लेकिन सभी न बीडीएस के बजाय एमबीबीएस च्वाइस फिलिंग की थी। इसलिए सभी छात्रों के पंजीयन को रद्द कर दिया गया।
Admission Open: पंजीयन व च्वॉइस फिलिंग का काम पूरा
CG Dental College: दोबारा पंजीयन व च्वाइस फिलिंग का समय सोमवार को खत्म हो गया। इसके लिए 23 से 25 नवंबर तक का समय दिया गया था। 27 नवंबर को आवंटन सूची आएगी। छात्रों को संबंधित कॉलेजों में 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक प्रवेश लेना होगा। तीन राउंड के बाद बीडीएस की 285 सीटें खाली थीं। इनमें
सरकारी डेंटल कॉलेज की 24 सीटें भी नहीं भर पाई थीं। सीटें खाली होने से बीडीएस के प्रति छात्रों की अरुचि है। हालांकि, ये ट्रेंड पिछले 7 सालों से है। एमबीबीएस में एडमिशन का दौर 5 नवंबर को खत्म हो गया, लेकिन बीडीएस में एडमिशन प्रक्रिया चल ही रही है।
पिछले साल भी खाली सीटों को भरने के लिए विशेष राउंड की काउंसलिंग की अनुमति एनएमसी ने दी थी। इसके बाद भी 40 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं। विशेषज्ञों के अनुसार
बीडीएस कोर्स के बाद डेंटिस्ट एमडीएस कोर्स करता है, तभी वह स्पेशलिस्ट डेंटिस्ट बन पाता है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एक-एक डेंटिस्ट की पदस्थापना होती है। कई स्थानों पर डेंटिस्ट हैं, लेकिन डेंटल चेयर नहीं है। इस कारण भी मरीज सरकारी अस्पताल जाने के बजाय दांत के इलाज के लिए निजी क्लीनिक चला जाता है।
कल आएगी आवंटन सूची
पिछले 24 साल में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या एक से पहुंचकर 10 पहुंच गई है, लेकिन केवल एक सरकारी डेंटल कॉलेज खुल पाया है। इसका मतलब साफ है कि इस कोर्स में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या कम है। निजी को मिलाकर 15 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। वहीं सरकारी व निजी मिलाकर डेंटल
कॉलेजों की संख्या 6 ही पहुंची है। हालांकि अगले साल एक निजी डेंटल कॉलेज रायपुर में शुरू हो रहा है। ये कॉलेज मेडिकल कॉलेज वाला ग्रुप खोल रहा है। इसके लिए बिल्डिंग भी बन गई है। कॉलेज संचालक को उम्मीद है कि राजधानी में होने के कारण कॉलेज को लाभ मिलेगा और दूसरे कॉलेजों की अपेक्षा सीटें भरेंगी।