इसी तरह 2008 के विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार डॉ. रमन सिंह को कुल 77230 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी उदय मुदलियार 44841 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से रमन सिंह ने 32389 वोटों से जीत हासिल की थी।
2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली इसे समझने के लिए हमें साल 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नजर डालनी पड़ेगी। उस वक्त भाजपा को 49 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 41सीटों पर संतोष करना पड़ा था, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर एक फीसदी से भी कम रहा था। अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि भाजपा एंटी-इनकम्बेंसी के सहारे फिर सत्ता पाने की गुणा-गणित में लगी है।
राजनांदगांव विधानसभा सीट से सबसे पहले 1967 में कांग्रेस से किशोरीलाल शुक्ला विधायक चुने गए। अगले विधानसभा चुनाव 1972 में किशोरीलाल ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा, लेकिन आपातकाल से उपजे सत्ता विरोधी लहर में कांग्रेस का यह किला ढह गया। विधानसभा चुनाव 1977 में जनता दल के ठाकुर दरबार सिंह ने किशोरीलाल शुक्ला को हराकर राजनांदगांव विधानसभा सीट पर अपना कब्जा कायम किया। 1980 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर किशोरीलाल शुक्ला निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए यहां से विधायक चुने गए। इसके बाद साल 1985 में कांग्रेस से बलबीर खानुजा और 1990 में भाजपा के लीलाराम भोजवानी विधायक चुने गए।1990 में भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की।
साल 1993 के विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव से कांग्रेस के युवा नेता उदय मुदलियार विधायक चुने गए। साल 1993 से 1998 तक वह इस सीट से विधायक रहे। 1998 के विधानसभा चुनाव में यहां एक बार फिर कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। भाजपा के लीलाराम भोजवानी ने उदय मुदलियार को पटखनी देकर इस सीट पर कब्जा किया और वह 2003 तक विधायक रहे, लेकिन नए राज्य बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव 2003 में हुए। इस बार कांग्रेस के उदय मुदलियार ने फिर कमबैक किया। 2003 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर मुदलियार 2008 तक विधायक बने रहे।
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह राजनांदगांव से विधायक चुने गए। इसके बाद से लेकर तीन कार्यकाल 2008, 2013 और 2018 में यहां से भाजपा का एकतरफा कब्जा रहा है। 2013 के विधानसभा चुनाव में डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार और उदय मुदलियार की पत्नी अलका उदय मुदलियार को 35 हजार 866 वोटों से करारी शिकस्त दी। हालांकि 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली करुणा शुक्ला ने डॉ रमन को कड़ी टक्कर दी, लेकिन भाजपा के इस किले को वह भी भेद नहीं सकीं। 2018 विधानसभा चुनाव में 16,933 वोटों के अंतर से करुणा शुक्ला को हराकर डॉ रमन सिंह विधायक चुने गए।
राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी पिछड़ा वर्ग की है। जिसमें साहू, लोधी, यादव और अन्य शामिल हैं। इसके साथ ही सामान्य वर्ग की भी आबादी अच्छी खासी है। इस कारण राजनीतिक पार्टियों द्वारा ओबीसी फैक्टर को लेकर चुनाव लड़ा जाता है।
राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र शहरी क्षेत्र है। अधिकतर आबादी शहरी है। इस वजह से शहरी क्षेत्र में पार्टियों का फोकस रहता है। इस विधानसभा सीट में एक बड़ी आबादी ओबीसी की है, इसलिए ओबीसी वोटर्स को साधने का काम राजनीतिक पार्टियों द्वारा किया जाता है। राजनांदगांव विधानसभा सीट में ओबीसी फैक्टर हावी है। ज्यादातर मतदाता सामान्य और ओबीसी कैटेगरी से आते हैं। यही यहां जीत का अंतर तय करते हैं।
राजनांदगांव जिले का क्षेत्रफल 8022.55 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की जनसंख्या 8 लाख 84 हजार 742 है। इसके साथ ही जिले की साक्षरता प्रतिशत 78.46 है। जिले में 4 ब्लॉक राजनांदगांव, डोंगरगांव, छुरिया और डोंगरगढ़ है। राजनांदगांव विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 2,08267 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 101015 लाख है। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1,03862 लाख है। युवा मतदाताओं की संख्या 3388 है।
स्थानीय मुद्दों से ज्यादा भाजपा का असर इस विधानसभा सीट में रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पिछले तीन बार से विधानसभा सीट पर विधायक हैं। साथ ही वह भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष भी हैं। इस सीट पर स्थानीय मुद्दों की बात करें तो उनमें प्रमुख तौर पर- जिले में उद्योग की कमी, रोजगार का साधन न होना, विकास की समस्या, विकास का कार्यों का अधूरा होना। साथ ही लोगों के मन में एक बात यह भी है कि उनकी रमन सिंह से मुलाकात न हो पाना।
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होगा चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव दो चरणों में होगा। 7 नवंबर को पहले फेज का चुनाव होगा। इसमें राजानांदगांव, पंडरिया और कवर्धा जैसी सीट शामिल हैं, जबकि दूसरा चरण 17 नवंबर होगा। दूसरे चरण में राज्य की 70 सीटों पर चुनाव होगा। जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर होगी।