
CG Election 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। पहले चरण में 20 सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग होगी। जिसमें बस्तर के 12 के अलावा दुर्ग संभाग के 8 सीटें शामिल है। यह सभी नक्सल प्रभावित इलाके है। इसके बाद बचे हुए 70 सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग होगी।
यह बात हुई चुनाव तारीखों की अब नजर डानते है, छत्तीसगढ़ के हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीटें की जिस पर सबकी निगाहे रहेगी। हॉट सीटों में प्रदेश के टॉप लीडर्स इस बार ताल ठोक रहे हैं। वहीं इन सीटों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। आइए आपको बताते हैं कि ऐसी कुछ सीटों के बारे में...
1. पाटन
दुर्ग जिले का पाटन विधनसभा क्षेत्र हाई प्रोफाइल सीट है। इस सीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला विजय बघेल से है, जो पारिवारिक रिश्ते में चाचा-भतीजा भी है। इस चुनावी मुकाबले को और रोचक बनाने के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी नामांकन भरा हैं ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकती है। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां से 1993 से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह यहां से पांच बार जीत भी दर्ज कर चुके हैं। सिर्फ 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में वह भतीजे विजय बघेल से हार गए थे। अब 2023 का चुनाव में क्या होगा इस पर सबकी निगाहे।
2. राजनांदगांव
राजनांदगांव विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस गढ़ को भेदने के लिए कांग्रेस ने गिरीश देवांगन को तीन बार के सीएम रहे रमन सिंह के खिलाफ उतारा है। बता दें कि रमन सिंह 2008 से इस सीट पर लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं।
3. अंबिकापुर
उत्तर छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल सीट जिस पर से एक बार फिर उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। वे इस सीट से तीन बार के विधायक हैं। इस सीट पर बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा है। देखना होगा कि बीजेपी क्या जीत दर्ज कर पाएगी या नहीं।
4. कोंटा (ST)
दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग के कोंटा विधानसभा सीट से उद्योग और उत्पाद शुल्क मंत्री कवासी लखमा 1998 से लगातार पांच बार जीत दर्ज कर चुकें है। राज्य के सबसे प्रभावशाली आदिवासी नेताओं में से एक हैं। लखमा के काम करने के तरीके और बयान हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। इस बार कवासी लखमा का मुकाबला सोयम मोका से है।
5. कोंडागांव (एसटी)
बस्तर संभाग से एक और हाईप्रोइल सीट की लिस्ट में शामिल है। वह कोंडागांव (एसटी) सीट। यहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे मोहन मरकाम का मुकाबला एक बार फिर लता उसेंडी से है। मोहन मरकाम ने 2013 और 2018 में यहां से बीजेपी की प्रमुख आदिवासी महिला नेता और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को हराया था।
6. रायपुर शहर दक्षिण
हॉट सीट में रायपुर जिले से दक्षिण विधानसभा सीट भी शामिल है। भाजपा के प्रभावशाली नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के पास है। इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1990 से लेकर 2018 तक बृजमोहन अग्रवाल लगातार 7 बार जीत दर्ज कर चुके हैं। इस अजेय सीट पर कांग्रेस जीत का परचम लहरा पाएगी या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा।
7. दुर्ग ग्रामीण
दुर्ग जिले के ग्रामीण सीट भी इस बार हॉट सीटों में शुमार है। मंत्री ताम्रध्वज साहू प्रमुख ओबीसी नेता हैं। 2018 में साहू मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके चलते जीत दर्ज की थी। अब 2023 में कांग्रेस की रणनीति काम आएगी या नहीं ये तो देखने वाली बात होगी।
8. आरंग (एससी)
रायपुर जिले का आरंग क्षेत्र में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच अच्छा मुकाबला देखने को मिल सकता है। सतनामी संप्रदाय प्रभावशाली नेता और मंत्री शिव कुमार डहरिया को कांग्रेस ने एक बार फिर अभनपुर से टिकट दिया है। इससे पहले 2003 में पलारी से और फिर 2008 में बिलाईगढ़ सीट से जीत दर्ज कर चुकी है।
9. खरसिया
एक बार फिर रायगढ़ जिले का खरसिया विधानसभा सीट से पूर्व आईएएस ओपी चौधरी का मुकाबला मंत्री उमेश पटेल से है। खरसिया कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। नंदकुमार पटेल खरसिया से पांच बार जीतकर सदन पहुंच चुके हैं। 2018 में पहली बार चुनावी दंगल में उतरे उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को हराया था। अब 2023 की सियासी हवा किस रूख को जाती है ये देखना दिलचस्प होगा।
10. जांजगीर-चांपा
जांजगीर-चांपा जिले के एक ऐसे विधानसभा सीट भी हॉट सीट की लिस्ट में शामिल है जहां से हर हर चुनाव में विधायक बदलने की परंपरा है। मुख्य रूप से ओबीसी आबादी वाले जांजगीर—चांप सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता नारायण चंदेल से तीन बार (1998, 2008 और 2018 में) जीत चुके हैं। अब 2023 में क्या ये परंपरा बदल पाएगी, 3 दिसंबर को सबको पता चल जाएगा।
11. सक्ती
जांजगीर चांपा जिले का सक्ती सीट का भी काफी खास महत्व है। यहां से अभी छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत विधायक हैं। चरणदास की गिनती कांग्रेस के एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में होती है। चरणदास चार बार विधायक रहने के अलावा तीन बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।
12. कवर्धा
कवर्धा विधानसभा सीट में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। यह सीट वर्तमान में प्रमुख मुस्लिम नेता और राज्य सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर के पास है। उन्होंने 2018 में पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के अशोक साहू को 59,284 वोटों के बड़े अंतर से हराया। अब बदले हालत में क्या कांग्रेस यह कमाल कर पाएगी, देखना बेहद रोचक होगा।
13. साजा
हॉट सीट में इस बार बेमेतरा जिले का साजा विधानसभा भी शामिल है। राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे सात बार विधायक रह चुके हैं। साजा निर्वाचन क्षेत्र बीजेपी के लिए अब तक अजेय रहा है। ऐसे में यहां जीत के लिए बीजेपी ने नया दांव खेलते हुए ईश्वर साहू को उम्मीदवार बनाया है।
Published on:
02 Nov 2023 07:00 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
