
CG Election: राज्य शासन द्वारा निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव डायरेक्ट करने अब महापौर टिकट के दावेदारों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लॉटरी निकलने का बेसब्री से इंतजार है। वहीं, पार्षद चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं को वार्डों के आरक्षण को लेकर निगाहें टिकी हैं। इसके बाद वार्ड का चयन कर टिकट की दावेदारी ठोकेंगे। फिलहाल महापौर यदि का आरक्षण सामान्य-ओबासी और एससीएसटी होगा या फिर महिला इसे लेकर सभी निकायों में चर्चा कई दिनों से हो रही है।
राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लेने के बाद सबसे ज्यादा रायपुर नगर निगम को लेकर हो रही है। कांग्रेस और भाजपा में सबसे पहले महापौर की सीट के आरक्षण को लेकर हो रही है। सब अपने-अपने स्तर पर कयास लगा रहे हैं। कोई कह रहा है इस बार भी सामान्य हो सकता है, तो कोई कह रहा है इस बार ओबीसी होगा तो कोई महिला के लिए आरक्षित होने की बात कर रहा है।
सामान्य होने पर सामान्य वर्ग के लोग दावेदार टिकट के लिए किस प्रकार से फील्डिंग करनी है इस पर गुणा भाग में लगे हुए हैं। वहीं ओबीसी होने पर ओबीसी वर्ग के भाजपा-कांग्रेस के नेता अपने समीकरण बनाने में लगे हुए है। वहीं महिला होने पर राजनीतिक गलियारे में अलग-अलग नाम को लेकर भी चर्चा करने लगे हैं। कुल मिलाकर अभी सिर्फ राजनीतिक जुगाली करने में लगे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार महापौर और वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया 14 से 20 दिसंबर के बीच हो सकती है। इन सबके बीच कुछ अधिकांश पार्षदों को जिन्होंने पिछले बार आरक्षण के कारण दूसरे वार्ड में गए थे उन्हें चिंता सताने लगी है कि इस बार कहीं फिर से आरक्षण की बलि उनका वर्तमान वार्ड न चढ़ जाए। इसलिए अभी से फिर से पुराने वार्ड की ओर रुख करने के लिए अभी से अपनी सियासी जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं।
शहरी क्षेत्रों के निकायों में ही चुनाव को लेकर चर्चा नहीं हो रही है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी चर्चा जोरों पर है। ग्राम पंचायतों में भी आरक्षण को लेकर सबकी निगाहें टिकी हुई है। कुछ ग्रामों को लोगों को महिला होने का इंतजार है तो कुछ को पुरुष होने का। महिला होगा किसे प्रत्याशी बनाना है और पुरुष होगा तो किसे प्रत्याशी बनाना है इसे लेकर भी गांवों में दो-तीन गुटों के बीच चर्चा होने लगी है।
चर्चा है कि निकाय चुनाव के लिए 15 दिसंबर के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है। क्योंकि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 11 दिसंबर को किया जाएगा। इसके पहले सभी निकायों को मतदाता सूची में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवाओं के नाम जोड़ने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मतदाता सूची की शुद्धता भी करने को कहा, ताकि बाद में मतदाता सूची को लेकर किसी प्रकार की आपत्ति न आए।
189 छत्तीसगढ़ में कुल निकाय
14 नगर निगम
52 नगर पालिका परिषद्
123 नगर पंचायत
11664 ग्राम पंचायतों की संख्या
20619 ग्रामों की संख्या
Published on:
04 Dec 2024 12:17 pm
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