
OBC Reservation: प्रदेश में प्रस्तावित नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आबादी के हिसाब से अधिकतम 50 फीसदी तक आरक्षण मिलेगा। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। इसके अलावा बैठक में नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 और अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन@2047 विजन डॉक्यूमेंट को भी मंजूरी दी गई।
कैबिनेट में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के पहले प्रतिवेदन पर चर्चा हुई। इसके बाद फैसला लिया गया कि त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में आयोग की अनुशंसा के अनुसार आरक्षण दिया जाएगा। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान करने का फैसला हआ।
बैठक में फैसला लिया गया कि ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, उस निकाय में ओबीसी वर्ग का आरक्षण शून्य होगा। यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा।
नए नियम में महापौर या जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए संबंधी क्षेत्र की संख्या अपनी अहम भूमिका निभाएगी। बैठक में फैसला लिया गया कि निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं, जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।
कैबिनेट ने घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, नि:शक्तजन , विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए 2024-25 के प्रथम अनुपूरक में 25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
बता दें कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक 2 लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई है। वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं।
कैबिनेट ने प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा।
Updated on:
29 Oct 2024 09:14 am
Published on:
29 Oct 2024 09:13 am
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