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15 करोड़ की ठगी में केके गए जेल, पुलिस ने कराई थी बैंक खातों की डिजिटल ऑडिट

CG Fraud News: केके को तेलीबांधा पुलिस ने 12 दिन तक पूछताछ करने के बाद सोमवार को सीजेएम गिरीश सिंह मंडावी की अदालत में पेश किया।

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करोड़ों के ट्रांजेक्शन का बड़ा खुलासा (Photo source- Patrika)

करोड़ों के ट्रांजेक्शन का बड़ा खुलासा (Photo source- Patrika)

CG Fraud News: स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर के प्रोजेक्ट में काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी के आरोप में पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। केके, उनके बेटे कंचन और अन्य के खिलाफ यूपी के रावत एसोसिएट्स के संचालक अर्जुन रावत ने तेलीबांधा में ठगी, जालसाजी और साजिश का केस दर्ज कराया था।

CG Fraud News: अब रिमांड पर लेने की जरूरत नहीं

इस मामले में केवल केके की गिरफ्तारी हुई। दूसरी ओर, 441 करोड़ की काली कमाई की जांच लटक गई है। इस मामले में तत्कालीन कुछ नेताओं और अफसरों की भी संलिप्तता भी पाई गई है। केके को तेलीबांधा पुलिस ने 12 दिन तक पूछताछ करने के बाद सोमवार को सीजेएम गिरीश सिंह मंडावी की अदालत में पेश किया। इस दौरान न्यायाधीश को बताया गया कि आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। इसके आधार पर प्रकरण की अग्रिम जांच की जाएगी। अब रिमांड पर लेने की जरूरत नहीं है। अभियोजन पक्ष की ओर से किसी भी तरह का आवेदन पेश नहीं करने पर केके को जेल भेजने का आदेश दिया।

बता दें कि दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कंपनी रावत एसोसिएट्स के मालिक ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपए का ठेका दिलवाने के नाम पर 15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। गिरफ्तार आरोपी और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खातों में करीब 300 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था। यह रकम फर्जी कंपनियों और ईडब्ल्यूएस के नाम पर खोले गए खातों में ट्रांसफर की गई थी।

समझौता हो गया

बताया जाता है कि पीड़ित रावत ने समझौता कर लिया है। पुलिस ने कोर्ट में प्रतिवेदन दे दिया है कि एफआईआर में उसका नाम नहीं है। पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी में वह शामिल नहीं था। अब केके और अन्य लोगों को भी आसानी से इस मामले में राहत मिल जाएगी।

कई मोबाइल बदलते रहे

CG Fraud News: एफआईआर दर्ज होने के बाद केके और उसके सहयोगी रायपुर से फरार हो गए। पुलिस से बचने के लिए कई शहरों में शरण लिया। इस दौरान केके और उसके सहयोगियों ने कई बार मोबाइल और सिम बदले। बताया जाता है कि हर दिन मोबाइल और सिम बदलते थे। पुलिस करीब 10 महीने से उसकी तलाश में लगी थी।


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