भारतमाला प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ को होगा गजब का फायदा, बदल जाएगी प्रदेश की सूरत निर्माण कार्य के लिए जब 18 महीने की समयावधि निर्धारित की गई थी, तो 54 माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, ईएनसी एवं समस्त ठेकेदारों समेत केंद्र शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को नोट्सि जारी कर 13 नवंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश जारी किया है।
Video : रमन के मंत्री का अजीबो-गरीब बयान, सीएम समेत BJP को बताया कुंवारों वाली पार्टी मामले की सुनवाई के दौरान सड़क निर्माण कार्य में हो रहे विलंब एवं सरकार द्वारा मूक दर्शक की भूमिका पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कोर्ट ने कहा कि सड़क निर्माण के नाम पर पिछले 54 महीन से मामले को लटकाया जा रहा है। ना ही निर्माण कार्य की प्रापर मॉनिटरिंग की जा रही है, और ना ही कार्य को समय पर पूरा करने की कोई योजना ही बनाई गई है।
केन्द्रीय मंत्री बोले – नक्सलवाद को खत्म करने बोली, गोली और विकास को हथियार बनाएगी सरकार ज्ञात हो कि मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सड़क निर्माण में फ्लाइएश के उपयोग को अनिवार्य बताते हुए एनटीपीसी को स्वयं के खर्च पर सौ किलोमीटर की दूरी तक फ्लाईएश सप्लाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सौ से 3 सौ किलोमीटर की दूरी तक ठेकेदार और एनटीपीसी को आधा खर्च वहन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी सड़क निर्माण कार्य में मुरुम और स्टोन डस्ट का इस्तेमाल पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य शासन एवं लोक निर्माण विभाग को फटकार लगाई थी।