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HC ने अफसर, ठेकेदार को लगाई फटकार, पूछा – 18 महीने का काम 54 महीने बाद भी नहीं हुआ पूरा बताओ क्यों?

locationरायपुरPublished: Oct 26, 2017 03:19:35 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में देरी पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य, केंद्र सरकार के संबंधित अफसरों व ठेकेदार को जवाब देने के लिए कहा है।

Civil Judge transferred

Bilaspur High Courts decision on the right to education

रायपुर/बिलासपुर. रायपुर-बिलासपुर फोरलेन निर्माण में हो रही अनियमितता और 54 माह के विलंब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य, केंद्र सरकार के संबंधित अफसरों व ठेकेदार को 13 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रायपुर-फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकान, पुंज एलाएड एवं एलएंडटी को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़क निर्माण का ठेका लेने का ये मतलब नहीं कि सड़क को खोदकर रख दो।
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निर्माण कार्य के लिए जब 18 महीने की समयावधि निर्धारित की गई थी, तो 54 माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, ईएनसी एवं समस्त ठेकेदारों समेत केंद्र शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को नोट्सि जारी कर 13 नवंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश जारी किया है।
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मामले की सुनवाई के दौरान सड़क निर्माण कार्य में हो रहे विलंब एवं सरकार द्वारा मूक दर्शक की भूमिका पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कोर्ट ने कहा कि सड़क निर्माण के नाम पर पिछले 54 महीन से मामले को लटकाया जा रहा है। ना ही निर्माण कार्य की प्रापर मॉनिटरिंग की जा रही है, और ना ही कार्य को समय पर पूरा करने की कोई योजना ही बनाई गई है।
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ज्ञात हो कि मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सड़क निर्माण में फ्लाइएश के उपयोग को अनिवार्य बताते हुए एनटीपीसी को स्वयं के खर्च पर सौ किलोमीटर की दूरी तक फ्लाईएश सप्लाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सौ से 3 सौ किलोमीटर की दूरी तक ठेकेदार और एनटीपीसी को आधा खर्च वहन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी सड़क निर्माण कार्य में मुरुम और स्टोन डस्ट का इस्तेमाल पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य शासन एवं लोक निर्माण विभाग को फटकार लगाई थी।
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