CG Illegal Ploting: 40-50 अवैध कॉलोनियां निगम के रेकॉर्ड में दर्ज
CG Illegal Ploting: रायपुरा चौक से पांच किमी के दायरे में यह कारोबार तेजी से बढ़ा है। खारुन नदी के किनारे तक की जमीन घेरकर कब्जायी जा चुकी है। फिर भी कोई रोक-टोक नहीं। शहर के हर हिस्से में चल रहा अवैध प्लॉटिंग कारोबार से बसाहट बदसूरत और मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित तो होते ही हैं। सरकारी खजाने को मिलने वाले राजस्व को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। क्योंकि, ऐसे लोग मुरम की रोड बिछाकर टुकड़े-टुकड़े में प्लॉट बेच कर रफा-दफा हो रहे हैं। न तो डायवर्सन कराते हैं न ही लेआउट पास।
जबकि इसी माध्यम से सरकारी खजाने का राजस्व मिलता है। निगम प्रशासन जब तक अवैध प्लाटिंग में लिप्त ऐसे लोगों पर शिकंजा नहीं कसता, शहर का कोई हिस्सा अवैध
प्लॉटिंग बच नहीं पा रहा है। क्योंकि, शासन का नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के जिम्मेदारों का भी वैसा ही हाल है, जैसा कि निगम अमले का।
रायपुरा क्षेत्र के पांच किलोमीटर तक बिछ गया जाल
नगर सीमा और बाहर के मुद्दे पर खींचतान: जिन लोगों पर अवैध प्लॉटिंग कारोबार को रोकने का जिम्मा है, वे सख्ती से रोक लगाने के बजाय एक-दूसरे का क्षेत्र होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत न तो अवैध प्लॉटिंग रुक रही है और निगम क्षेत्र के बाहर वाले हिस्सों में। जिला प्रशासन ने इसके लिए एक संयुक्त टीम जिसमें निगम, टाउन एंड प्लानिंग और राजस्व विभाग के अमले को शामिल किया था। लेकिन तीनों का गठजोड़ ऐसा कि अवैध
प्लाटिंग हो जाने पर कहीं कोई कार्रवाई नहीं।
नगर निगम अपर आयुक्त यूके अग्रवाल ने कहा की निगम के सभी जोन कमिश्नरों को ऐसी अवैध प्लॉटिंग वाली जगहों को चिह्नांकित करने का आदेश निगम प्रशासन द्वारा दिया गया है। जिसका राजस्व रेकॉर्ड निकलवा कर संबंधित थाने में एफआईआर कराई जाएगी।
सड़क के करीब गड़ गया खूंटा
रायपुरा चौक से करीब डेढ़ किमी के दायरे में पुराने न्यू रायपुरा हास्पिटल वाली सड़क से लगी हुई करीब दो एकड़ जमीन अवैध प्लाटिंग अपने अंतिम दौर में हैं। मौके पर पहुंची पत्रिका टीम को लोगों ने बताया कि जोन 8 के नगर निवेश के अमले को पता है। एक राजनीतिक पार्टी का समर्थक जिसने अधिकांश प्लाट दो से ढाई हजार वर्गफीट के हिसाब से एक-एक, डेढ़ फीट के खूंटा गाड़कर बेचना शुरू किया है। इतने बड़े रकबे का न तो डायवर्सन है और न ही लेआउट। चूंकि उसके आसपास मकान और दुकानें हैं, इसलिए जल्दी-जल्दी बेचकर नक्की करने में लगा है। इसके बाद ही निगम की टीम आएगी…।