
CG News: प्रदेश में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी यानी बीडीएस की 100 सीटें बढ़कर अब 700 हो गई हैं। इसका फायदा छात्रों को होगा। कट ऑफ मार्क्स भी गिरेगा। पिछले साल बीडीएस की गिनती की सीटें खाली रहीं। हालांकि पहले के 10 सालों में 30 से 40त्न खाली रह जाती थीं। पिछले साल से ट्रेंड बदला है, हालांकि बीडीएस के बाद एमडीएस करने से डेंटिस्ट की डिमांड बढ़ जाती है।
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज को बीडीएस की 100 सीटों की मान्यता दे दी है। बुधवार को इस संबंध में लेटर ऑफ परमिशन भी जारी हो गया। 15 दिनों पहले लेटर ऑफ इंडेंट जारी हुआ था। नए सत्र से कॉलेज में पढ़ाई होगी। 100 में 50 सीटें स्टेट कोटे के लिए होगी, जिसमें स्थानीय छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। बाकी सीटें मैनेजमेंट कोटे की होंगी। अब रायपुर में एक सरकारी व एक निजी कॉलेज हो जाएगा।
छात्रों को पहले निजी कॉलेज के लिए बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई व राजनांदगांव की दौड़ लगानी पड़ रहती थी। अब उन्हें राजधानी में ही विकल्प मिल जाएगा। श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. देवेंद्र नायक का कहना है कि अब मेडिकल के साथ डेंटल कॉलेज का संचालन एक ही कैंपस में किया जाएगा। जो छात्र कुछ अंकों से एमबीबीएस में प्रवेश से चूक जाते हैं या एडमिशन नहीं ले पाते, उनके लिए बीडीएस एक अच्छा विकल्प है। रायपुर स्थित प्रदेश के एकमात्र सरकारी कॉलेज में 100 सीटें हैं। बाकी 5 निजी कॉलेजों में 500 सीटें हैं।
CG News: नए सत्र के लिए एमबीबीएस की सीटें बढ़ने की भी संभावना है। प्रदेश के 5 में 4 निजी कॉलेजों ने 250 सीटों के लिए आवेदन किया है। इसमें किसी एक से दो कॉलेजों में सीटें बढ़ सकती है। हालांकि जुलाई तक ये कंफर्म हो जाएगा। वर्तमान में 10 सरकारी व 5 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2130 सीटें हैं। इनमें रायपुर स्थित नेहरू मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा 230 सीटें हैं।
सीटें बढ़ने से नीट यूजी दिए छात्रों को मौका मिलेगा। इसमें भी कट ऑफ गिरने से कम रैंक वालों का प्रवेश हो सकेगा। इस बार नीट यूजी का पेपर काफी कठिन रहा। इसलिए पिछले साल जैसे कट ऑफ आने की संभावना काफी कम है। कट ऑफ कितना जाएगा, हालांकि ये रिजल्ट निकलने के बाद पता चलेगा। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि 490 से 500 अंक वालों को एमबीबीएस की सीटें मिल सकती हैं।
Published on:
08 May 2025 08:27 am
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