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CG News: सुप्रीम आदेश के बाद भी बेकाबू हालात! गोठान फुल, खुले में घूम रहे हजारों मवेशी…

CG News: शहर में हजारों की संख्या में मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं। इन्हें पकड़ने के लिए निगम के पास सटीक प्लान ही नहीं है।

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CG News: सुप्रीम आदेश के बाद भी बेकाबू हालात! गोठान फुल, खुले में घूम रहे हजारों मवेशी...(photo-patrika)

CG News: सुप्रीम आदेश के बाद भी बेकाबू हालात! गोठान फुल, खुले में घूम रहे हजारों मवेशी...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ की हर सड़क और गली-मोहल्लों में मवेशियों और आवारा कुत्तों का राज है। शहर में हजारों की संख्या में मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं। इन्हें पकड़ने के लिए निगम के पास सटीक प्लान ही नहीं है। इसका नतीजा यह है कि प्रतिदिन दुर्घटनाएं होने के साथ ही डॉग बाइट के केस सामने आ रहे हैं। पिछले डेढ़ माह में नगर निगम का अमला शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से केवल 1300 मवेशियों को ही पकड़ सका।

CG News: सुप्रीम आदेश के बाद भी हालात बेकाबू

इनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि गोठानें और कांजी हाउस तक पूरे भरा चुके हैं। हालात यह है कि आवारा मवेशियों को रखने के लिए जगह ही नहीं है। आदेश के मुताबिक नगर निगम को स्टेट हाइवे, नेशनल हाइवे सहित सभी सड़कों से आवारा मवेशियों और कुत्तों को हटाना अनिवार्य किया गया है।

शहर में चारों तरफ से स्टेट और नेशनल हाइवे गुजरते हैं। हाइवे के अलावा नगर निगम की अंदरुनी सड़कों और बाजारों में भी मवेशी और आवारा कुत्तों का ही राज है। तेलीबांधा से जोरा लाभांडी, सिद्धार्थ चौक से पुराना धमतरी रोड, भनपुरी से टाटीबंध और टाटीबंध से तेलीबांधा तक हालात एक जैसे ही हैं। वाहनों के मवेशियों के टकराने बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। रात में आवारा मवेशी बीच सड़कों पर आकर बैठ जाते हैं।

कई सड़कें अस्थायी गौशाला जैसी

शहर का रिंग रोड, जीई रोड सहित दोनों तरफ घनी आबादी से घिरी तेलीबांधा से टाटीबंध के बीच रिंग रोड के आसपास के मोहल्लों और कॉलोनियों से मवेशी निकल कर सीधे रिंग रोड पर आ जाते हैं। इसलिए मठपुरैना, भाठागांव जैसे क्षेत्रों की सड़कों पर सबसे अधिक मवेशियों का डेरा होता है। यहां तक शहर की अंदरुनी सडकें और बाजार अस्थायी तौर पर गोशाला का रूप ले चुके हैं।

मीनल चौबे, महापौर

सवाल : आवारा मवेशियों और आवारा कुत्तों से कैसे निजात दिलाएंगे?

जवाब : ये दोनों शहर के लिए बड़ी समस्याए हैं। निगम धरपकड़ अभियान चलाने के साथ ही पशुपालकों को जागरूक करने का भी काम कर रहा है। जुर्माने की भी कार्रवाई की जा रही है। फिर भी लोग मानते नहीं। एक डॉग शेल्टर हाउस तैयार हो गया है। एक और बनवाएंगे।

सवाल : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करने का क्या प्लान है ?

जवाब : कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। कुत्तों का बधियाकरण लगातार जारी है। हर जोन में फीडिंग सेंटर बनाने का निर्देश दिया है। मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए शहर के चारों तरफ नए गोठान बनाने का प्लान है। शासन से 10 करोड़ मांगा है।

सवाल : नगर निगम का काऊकेचर अभियान बंद पड़ा है ?

जवाब : निगम क्षेत्र में अभी दो कांजी हाउस और चार से पांच गोठान संचालित हैं। हर जोन में एक-एक काऊचेर उपलब्ध कराया गया है। पिछले डेढ़ माह के अभियान से गोठान फुल हो चुके हैं। पशुपालक भी अपने मवेशियों को छुड़ाने नहीं आते हैं। नई व्यवस्था होने पर अभियान जारी रहेगा।

सवाल : ऐसे में कोर्ट के आदेश का पालन कैसे करेंगे ?

जवाब : शासन के दिशा-निर्देशों पर नगर निगम काम करेगा। फिलहाल जितना संसाधन है, उसी के तहत व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाएगा।

बंद पड़ा निगम का अभियान

नगर निगम का मवेशियों को पकड़ने का अभियान फिलहाल बंद पड़ा है। डेढ़ महीने में 1300 मवेशियों को गोठानों में पहुंचाया। गोठानों और कांजी हाउस में इन्हें रखने की जगह नहीं है। पशु पालक दूध नहीं देने वाली गायों और बठिया को बांधते नहीं है और जो गायें दूध देती हैं, सुबह-शाम दूध निकालने के बाद उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं। इनके खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई असरदार साबित नहीं हुई।