
CG News: दिनेश कुमार/राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अब छत्तीसगढ़ की स्कूली शिक्षा में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में राज्य शैक्षणिक एवं अनुसंधान केंद्र (एसईसीआरटी) ने तैयारी शुरू कर दी है।
सरकारी के पाठ्यक्रम में एआई को शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एसईसीआरटी ने विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है, जो स्कूली पाठ्यक्रम में एआई को शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी। विशेषज्ञों की कमेटी में एनआईटी, आईआईटी, एनसीईआरटी, प्राइवेट स्कूलों और समग्र (राज्य शिक्षा परियोजना) के एआई विशेषज्ञ शामिल हैं।
एसईसीआरटी के अनुसार एक्सपर्ट कमेटी की दो बैठक हो चुकी है, जिसमें 6वीं कक्षा से एआई को शामिल करने पर चर्चा की गई है। हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है, कि एआई को एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा या कम्प्यूटर के साथ एक चैप्टर के रूप में रखा जाए। एक्सपर्ट कमेटी की अगली बैठक मार्च में होने जा रही है, जिसमें इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। प्रस्ताव मई में शासन के पास भेजा जाएगा। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद एआई का पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
पहले चरण में उन स्कूलों एआई पढ़ाया जाएगा, जहां स्मार्ट क्लासरूम है। इसे व्यावसायिक शिक्षा के रूप में भी शामिल किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में समग्र के 4000 आईसीटी लैब और 6000 स्मार्ट क्लास रूम हैं, जिसमें एआई से पढ़ाई शुरू कराई जा सकती है। एसईसीआरटी के एआई नोडल संजय गुहे ने बताया कि एआई को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी गई है। 6वीं कक्षा से पढ़ाई शुरू की जाएगी। हमारे पास 2030 तक का समय है। हालांकि, हमारा प्रयास 2026-27 के सत्र में एआई की पढ़ाई शुरू करने की है।
CG News: एआई को स्कूली पढ़ाई में शामिल करने में सीबीएसई आगे हैं। अब तक एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में भी एआई को शामिल करने के लिए ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। सीबीएसई में कम्प्यूटर की पढ़ाई पहली कक्षा से है, इसलिए एआई को शामिल करना आसान है। जबकि, छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर की पढ़ाई कक्षा 9 से शुरू होती है। इसलिए भी एआई को शामिल करने में समय लग रहा है। सबसे पहले सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था करनी होगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में।
छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में करीब 57 लाख बच्चे पढ़ते हैं, जिनके बीच 2 लाख 85 हजार शिक्षक हैं। गत वर्ष सेकंडरी लेवल में 85 बच्चों में एक साइंस टीचर है। साइंस शिक्षकों की कमी भी एआई को पाठ्यक्रम में शामिल करने में बड़ी बाधा है।
एससीईआरटी, एआई, नोडल, डॉ. संजय गुहे: एआई को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। एससीईआरटी इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित की है, जिसमें आईआईटी, एनआईटी जैसे बड़े संस्थानों की टीमें शामिल हैं। कमेटी की दो बैठकें हो चुकी है। तीसरी बैठक अगले माह होगी। मई में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया जाएगा।
Updated on:
13 Feb 2025 08:37 am
Published on:
13 Feb 2025 08:36 am
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