
13 साल बाद मुआवजा बढ़ाने हाईकोर्ट का आदेश (Photo source- Patrika)
CG News: हाईकोर्ट ने रायपुर एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर किसानों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया कि किसानों को 17 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की बजाय 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाए। अतिरिक्त 12 प्रतिशत वार्षिक राशि, 30 प्रतिशत क्षतिपूर्ति और कब्जा लेने की तारीख से ब्याज भी देने के आदेश दिए गए हैं। इससे 13 साल बाद जमीन का मुआवजा बढ़ा हुआ मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में नया रायपुर में एयरपोर्ट विस्तार के लिए बरौद और आसपास के गांवों की करीब 95 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिसूचना अगस्त 2011 में जारी हुई और जून 2012 को किसानों के लिए 17 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर (असिंचित भूमि) और 18.25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर (सिंचित भूमि) के हिसाब से मुआवजा तय किया गया।
किसानों ने मुआवजे को कम बताते हुए संबंधित विभाग में आवेदन दिया, लेकिन 2019 में उनकी मांग खारिज कर दी। प्रकाश चंद्र शर्मा, मोहन, रामेश्वर समेत अन्य किसानों ने वर्ष 2020 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सरकार और एनआरडीए की तरफ से कहा गया कि अधिग्रहण उस समय की गाइडलाइन की तय दरों पर हुआ था। बिक्री पर प्रतिबंध के चलते तीन साल का औसत बाजार मूल्य उपलब्ध नहीं था, इसलिए उप पंजीयक की गाइडलाइन दर के आधार पर ही मुआवजा तय किया गया।
CG News: याचिका में बताया गया कि अधिग्रहण से पहले यानी वर्ष 2010 में एनआरडीए ने ही उसी गांव की जमीनें 35 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर पर खरीदी थीं। इसके बावजूद उन्हें 17 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों ने यह भी कहा कि उनकी जमीन सिंचित है और हाईवे से सटी हुई है, इसलिए इसकी अधिक कीमत तय की जानी चाहिए।
कोर्ट ने किसानों की दलीलों को मानते हुए कहा कि एनआरडीए खुद उसी क्षेत्र की जमीन ऊंची दर पर खरीद चुका है, ऐसे में किसानों को कम दर पर मुआवजा देना न्यायसंगत नहीं है। हाईकोर्ट ने सभी अपीलें स्वीकार करते हुए भूमि का मूल्य 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तय करते हुए किसानों को छह माह के भीतर मुआवजा राशि, ब्याज और अन्य वैधानिक लाभ देने के आदेश दिए हैं।
Published on:
03 Sept 2025 09:21 am
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