
CG News: लगातार काम के बाद भी एप्रिसिएशन न मिले, तो कोई भी डिमोटिवेट हो सकता है। गरियाबंद के नए पुलिस कप्तान निखिल अशोक कुमार राखेचा ने न केवल इस बात को समझा, बल्कि पुलिसवालों को मोटिवेट रखने के लिए जिले में नई परिपाटी ही शुरू कर दी।
क्राइम कंट्रोल और पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए एसपी ने कॉप ऑफ द मंथ की शुरुआत की है। इसके तहत हर महीने उन पुलिसवालों का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने अपने इलाकों में क्राइम कंट्रोल की दिशा में बड़े काम किए हाें। ‘कॉप ऑफ द मंथ’ के तहत मंगलवार को जिले के 7 पुलिसवालों का सम्मान किया गया। इनमें छुरा, पांडुका टीआई, साइबर सेल से एक एएसआई समेत अलग-अलग थानों के एक हैड कॉन्स्टेबल और तीन आरक्षक शामिल हैं।
केस की बात करें तो मैनपुर में इसी महीने कुंए में एक लड़की की लाश मिली थी। मामले में 2 आरोपियों की गिरफ्तारी में छुरा पुलिस की भी अहम भूमिका रही, जो थानों के बीच आपसी समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है। जिले में इस तरह की संयुक्त कार्रवाइयों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एसपी ने छुरा टीआई दिलीप मेश्राम और हैड कॉन्स्टेबल चुड़ामणि देवता को सम्मानित किया।
इसी तरह पिछले महीने जिले के बैंकों और एटीएम में लगातार लूट की कोशिशें हुईं। पांडुका टीआई जयप्रकाश नेताम, साइबर सेल से एएसआई मनीष वर्मा और कॉन्स्टेबल के प्रयासों से मामले में तीन गिरफ्तारियां हुईं। इनके अलावा छुरा थाने से ही 2 कॉन्स्टेबल दिलीप निषाद और हरीश शांडिल्य को गुम नाबालिग को 2 घंटे में परिवार को लौटाने के लिए 'कॉप ऑफ द मंथ' अवॉर्ड से नवाजा गया है।
राजधानी रायपुर में भी तकरीबन 6 महीने पहले मार्च में ‘कॉप ऑफ द मंथ’ का सिस्टम लागू किया गया है। महज 6 महीने में ही इसके बेहतरीन रिजल्ट सामने आए हैं। राजधानी में सितंबर और अभी अक्टूबर में हुए अपराध के आंकड़ों पर गौर करें, तो चाकूबाजों और नशेड़ियों की संया में गिरावट आई है।
निजात अभियान की भी इसमें अहम भूमिका रही। गरियाबंद जिले में भी नशे के खिलाफ ये अभियान दूसरे नाम (नया सवेरा) से चल रहा है। शराब की अवैध बिक्री के मामले लगातार आ रहे हैं। उमीद है कि नई पहल से इसमें कमी आएगी।
CG News: हाल ही में जिले के एसपी बनाए गए राखेचा 2019 बैच के आईपीएस हैं। 2019 में उन्होंने जब यूपीएएसी क्रैक किया था, तब महज 28 साल के थे। अभी 33 साल के हैं। 5 साल में भिलाई जैसे बड़े शहर, तो नारायणपुर और सुकमा जैसे घनघोर नक्सल इलाकों में काम का अनुभव ले चुके हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो अपराध नियंत्रण के लिए कप्तान अब जिले में कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर देने की तैयारी में हैं। इसमें आम लोगों के साथ सभी सरकारी विभागों के अफसर-कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। सबको एक मंच पर लाने के लिए जिला मुख्यालय में जल्द बड़े प्रोग्राम की तैयारी है। इसके तहत खेल समेत कई स्पर्धाएं कराई जाएंगी। संभवत: मिड नवंबर के आसपास ये कार्यक्रम हो सकता है।
Updated on:
30 Oct 2024 10:43 am
Published on:
30 Oct 2024 10:42 am
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