
CG News: छत्तीसगढ़ में 3.94 लाख कुत्तों की जिम्मेदारी तय, निकाय चलाएंगे गोद लेने का अभियान...(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खौफ के बाद अब उन्हें काबू करने के लिए रोटी खिलानी होगी। उनके लिए रहने की व्यवस्था करनी होगी। कुत्तों को यदि कोई गोद लेना चाहे तो निगमों को इसकी कार्यवाही पूरी करनी होगी। आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के बाद राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन विभाग ने हाल ही में ताजा दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें शहरी क्षेत्रों में कुत्तों के प्रबंधन की जिम्मेदारी निगम अधिकारियों पर आ चुकी है।
नवा रायपुर स्थित मुख्यालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कुत्तों को पकडकऱ बधियाकरण से लेकर जरूरतों के आधार पर भोजन की व्यवस्था निगम को करनी होगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव अजय तिर्की ने इस संबंध में निगम आयुक्त सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र जारी किया है।
आवारा-बेसहारा पशुओं की वजह से सड़क दुर्घटनाएं व जान-माल की हानि पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। 11 नवंबर को एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार के शपथ पत्र के जवाब में कहा कि कागजी कार्यवाही से काम नहीं चलेगा। पशुओं के व्यवस्थापन पर अभी भी ठोस रणनीति नहीं बन पाई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं हो पा रहा है। कांजी हाउस सहित पशुओं के व्यवस्थापन पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए। आम लोगों की सडक़ दुर्घटनाओं में मृत्यु के साथ-साथ वाहनों से पशुओं को टक्कर मारने व वेटनरी अस्पताल की स्थिति पर भी हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया।
रायपुर, धमतरी, दुर्ग, भिलाई- कुल 04
बिलासपुर-04
रतनपुर-किरंदुल-02
3.94 लाख आवारा कुत्तों की संया छत्तीसगढ़ में
1.19 लाख से अधिक मामले एक वर्ष में कुत्तों के काटने के
192 हैं नगर-निगम, नगर पंचायत व नगर-पालिका
हाईवे व अंदरूनी मार्गों पर आवारा-बेसहारा पशुओं की वजह से सडक़ दुर्घटनाओं में वृद्धि के बाद राज्य सरकार ने 24 घंटे अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 10 अलग-अलग बिंदुओं पर इस पूरे अभियान की जानकारी मुख्यालय को भेजने को कहा है, जिसमें डेटा शीट पर काम बताना होगा।
नगरीय प्रशासन विभाग ने कहा है कि सड़कों से आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दिन और रात अभियान चलाया जाए। निगम आयुक्त व मुख्या पालिका अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि शहरी क्षेत्रों के साथ ही आस-पास के 10-15 किमी. के दायरे में ग्राम पंचायतों के साथ समन्वय कर पशुओं को पकड़ा जाए और उन्हें उचित स्थान पर छोड़ा जाए।
नगरीय निकाय ने साफ किया है कि रैबिज ग्रस्त, रैबिज की आशंका से ग्रस्त, आक्रामक आवारा कुत्तों का बधियाकरण, टीकाकरण व डिवर्मिंग किया जाए। ऐसे आवारा कुत्तों को एक बार पकड़ लेने और उसका उपचार कर लेने के बाद किसी भी स्थिति में उन्हें सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाए।
Published on:
13 Nov 2025 10:50 am
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