
CG Politics: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के बाद नवबर-दिसबर में शहरी सरकार यानी की नगरीय निकायों के लिए चुनाव होंगे। शहरी सरकार में अपना कब्जा जमाने के लिए प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही अपने संगठन में बड़े बदलाव कर सकते हैं। कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में संगठन के कई अहम पद खाली है। वहीं भाजपा लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर संगठन में बदलाव कर सकती है। इसके लिए दोनों ही दल 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अपनी कवायद शुरू करेंगे। हालांकि राजनीतिक गलियारों में फेरबदल की चर्चा काफी तेज हो गई है।
प्रदेश भाजपा जिला से लेकर मंडल स्तर तक की कार्यकारिणी में बदलाव करेगी। यह बदलाव जून के तीसरे सप्ताह में हो सकता है। फिलहाल प्रदेश भाजपा संगठन द्वारा जिलों के साथ मंडल अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, सचिव सहित अन्य पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जा रही है। बताया जाता है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए बड़े नेताओं को भी पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता हैं, ताकि नगरीय निकायों के चुनाव में ऐसे लोगों से महत्वपूर्ण काम लिया जा सके। बता दें कि सबसे ज्यादा कांग्रेसी लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए हैं। जिसमें पूर्व विधायक, पूर्व सांसद से लेकर पूर्व महापौर, जिला अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य शामिल हैं।
कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले नए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की नियुक्ति हुई थी। इस कारण उनका अपने संगठन के विस्तार का मौका नहीं मिली। बैज ने पुरानी कार्यकारिणी में थोड़ा बहुत बदलाव कर अपना काम चलाया था।
अब कांग्रेस में निकाय चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल हो सकता है। वैसे भी इस चुनाव में प्रदेश संगठन की भूमिका सबसे अहम होती है। बताया जाता है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में हुए फैसलों के मुताबिक ही नई कार्यकारिणी का गठन होगा। इसमें 50 फीसदी युवाओं को मौका मिलेगा। इसके अलावा नई कार्यकारिणी में अनुभवी नेताओं का भी समावेश रहेगा।
माना जा रहा है कि बैज अपने समर्थकों को बड़ी जिमेदारी दे सकते हैं। इस हिसाब से तैयारियां भी तेज हो गई है। वैसे भी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा बिखराव हो चुका है। कांग्रेस में संगठन में महत्वपूर्ण जिमेदारी निभाने वाले नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इनके स्थान पर भी नई नियुक्तियां होनी है।
लोकसभा चुनाव में जिन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की शिकायतें आई थीं, उसकी भी पतासाजी की जा रही है। साथ ही किन-किन मंडलों और जिलों में वोटिंग प्रतिशत कितना रहा इस आधार पर उनके कार्यों का आंकलन भी किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी द्वारा सौंपे गए कार्यों को समय पर पूरा किया कि नहीं आदि बिंदुओं पर एक-एक पदाधिकारियों कार्यों की समीक्षा की जा रही है। साथ ही जिलों से भी रिपोर्ट मंगाई जा रही है। किस पदाधिकारी और कार्यकर्ता की कार्यशैली कैसी है, ताकि नई कार्यकारिणी में नए और ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को पद दिया जा सकें।
कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कई जिलों के जिलाध्यक्षों का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। वहीं कई जिलाध्यक्ष को काम करते लंबा समय भी हो गया है। ऐसे में 8 से 10 जिलाध्यक्षों को बदला जाएगा। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जहां से बड़े नेता पार्टी छोड़कर गए हैं, उन स्थानों पर एक मजबूत टीम तैनात की जाए।
Published on:
14 May 2024 03:16 pm
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