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6 साल बाद छत्तीसगढ़ के 66 प्राइवेट कॉलेजों में डीएलएड की फीस तय, हाईकोर्ट का निर्देश जारी

CG Private College: याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों ने बीएड. पाठ्यक्रम के लिए एएफआरसी द्वारा निर्धारित समान शुल्क लेने की अनुमति देने की मांग की है।

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66 डीएलएड कॉलेजों की फीस होगी तय (Photo source- Patrika)

66 डीएलएड कॉलेजों की फीस होगी तय (Photo source- Patrika)

CG Private College: छह साल बाद छत्तीसगढ़ के 66 प्राइवेट कालेजों में डीएलएड की फीस तय होगी। हाईकोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेस आफ छत्तीसगढ़ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को निर्देश जारी किए हैं। निजी महाविद्यालयों में संचालित डिप्लोमा एजुकेशन डीएलएड की फीस 2019 से तय नहीं की गई थी।

CG Private College: मौलिक अधिकार का उल्लंघन

13 अगस्त 2025 को याचिकाकर्ता संगठन ने स्कूल शिक्षा विभाग को फीस तय करने पत्र लिखा था। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रारंभ होने से पहले, एएफआरसी द्वारा शुल्क निर्धारण के लिए 12 फरवरी 2024 की अधिसूचना के अनुसार डीएलएड. पाठ्यक्रम के लिए शुल्क निर्धारित करने के लिए राज्य शासन के विभागीय अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने की मांग याचिका में की गई है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों ने बीएड. पाठ्यक्रम के लिए एएफआरसी द्वारा निर्धारित समान शुल्क लेने की अनुमति देने की मांग की है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरङ्क्षवद कुमार वर्मा की ङ्क्षसगल बेंच में हुई। एसोसिएशन की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता क्षितिज शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा फीस निर्धारित करने की लगातार मांग की जा रही है।

इसके बाद भी अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है याचिकाकर्ता एसोसिएशन के विभिन्न सदस्यों के लिए डीएलएड. पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विभागीय अफसरों ने विफलता दिखाई है। अफसरों ने संघ के अनुरोध को स्वीकार ना कर भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों को अपने संघ, संस्थान स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है।

नियम अनुसार निर्णय लेने का आदेश

CG Private College: मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शुल्क निर्धारण के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा 13 अगस्त 2025 को प्रस्तुत अभ्यावेदन पर नियमों, विनियमों और कानून के अनुसार यथाशीघ्र विचार कर निर्णय लें।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एसोसिएशन को संबंधित प्राधिकारी के समक्ष अतिरिक्त अभ्यावेदन दाखिल करने की स्वतंत्रता है और संबंधित प्राधिकारी नियमों, विनियमों और कानून के अनुसार उचित समय के भीतर उस पर विचार और निर्णय करेंगे। इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।