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CG Revenue Cases: कभी सरकारी अवकाश, तो कभी चुनाव का बहाना! दफ्तरों में अटके 8000 मामले

CG Revenue Cases: रायपुर शहर में सबसे ज्यादा लोग राजस्व से जुड़े मामलों को लेकर परेशान हैं। किसी की पैतृक संपत्ति तो किसी की खून-पसीने की कमाई से खरीदी जमीन विवादों में पड़ी है।

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CG Revenue Cases: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में सबसे ज्यादा लोग राजस्व से जुड़े मामलों को लेकर परेशान हैं। किसी की पैतृक संपत्ति तो किसी की खून-पसीने की कमाई से खरीदी जमीन विवादों में पड़ी है। इसके निराकरण के लिए लोग कलेक्टर, एसडीएम और तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इनकी समस्याओं का समय पर निराकरण नहीं हो पा रहा है।

CG Revenue Cases: वजह कभी सरकारी अवकाश, तो कभी चुनाव का बहाना करके अधिकारी मामलों को टरका रहे हैं। अवकाश के दौरान ऐसे मामलों की सुनवाई का कोई वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन नहीं बना पाया है। रायपुर जिले में राजस्व से जुड़े 8 हजार से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। कई मामलों में दिवाली के बाद सुनवाई नहीं हो पाई है। सबसे ज्यादा मामले रायपुर एसडीएम कार्यालय के हैं।

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CG Revenue Cases: से ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं

रायपुर संभाग कमिश्नर महादेव कावरे ने कहा की राजस्व प्रकरणों की संख्या ज्यादा है। अधिकारी बैठते हैं, तो सुनवाई होती है। प्रकरणों का निराकरण बढ़ाने के लिए लगातार समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर भी समय-समय पर समीक्षा करते हैं।

CG Revenue Cases: सबसे ज्यादा डायवर्सन के मामले

एसडीएम रायपुर के पास सबसे ज्यादा मामले डायवर्सन के लंबित पड़े हैं। यहां 644 मामले लंबित हैं। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसी तरह रायपुर तहसीलदार के पास से सबसे ज्यादा नामांतरण के मामले पेडिंग हैं। यहां 186 मामले लंबित पड़े हैं। इसी तरह रायपुर कलेक्टर के पास आबकारी अधिनियम से जुड़े 256 मामले लंबित पड़े हैं। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है।

15 मामलों की होनी थी सुनवाई

शनिवार को 15 मामलों की सुनवाई तय की गई थी, लेकिन अवकाश होने के चलते इन मामलों की सुनवाई नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि पूरे राज्य में राजस्व से जुड़े 1 लाख 45 हजार 528 मामले लंबित पड़े हैं। इनके निराकरण की गति काफी धीमी है। यही हाल रायपुर में भी रायपुर जिले में ही कुल 8 हजार 747 मामले पेडिंग पड़े हैं। इनका समाधान नहीं हो पा रहा है।