इससे सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ गई है। जिन इलाकों के कैमरे बंद हुए हैं, वहां
अपराधियों को पकड़ने में काफी दिक्कत आ रही है। पिछले दो साल में शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगे 171 सीसीटीवी कैमरे बंद हो चुके हैं। इससे उन स्थानों पर अपराध करने वाले और उनके वाहनों का आसानी से पता नहीं चल पाता है। उनकी पहचान समय पर नहीं हो पाती है, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
CG Smart City: मेंटेनेंस भी नहीं हो रहा
शहर के अलग-अलग इलाकों में वर्ष 2022 में अलग-अलग श्रेणी के कुल 921 सीसीटीवी कैमरे लगे थे। इसमें ट्रैफिक सिग्नल के अलावा प्रमुख चौक-चौराहे और मार्ग भी शामिल थे। नवंबर 2024 तक इसमें से 750 सीसीटीवी कैमरे ही चालू हालत में बचे हैं। 171 कैमरे बंद हैं। इसमें से कुछ खराब हैं। बंद कैमरों को न बदला जा रहा है और न ही सुधारा जा रहा है।
स्मार्ट सिटी ने आईटीएमएस के
सीसीटीवी कैमरों के मेंटेनेंस से काम हाथ खींच लिया है। इसका संचालन स्मार्ट सिटी करती थी, लेकिन ठेका अगस्त 2024 में खत्म हो गया है। इसके बाद इसे नगर निगम को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि इसके बाद कैमरों के मेंटेंनेंस के लिए फंड अब तक नहीं मिला है। इसके चलते कैमरों का मेंटेनेंस प्रभावित है।
दोबारा नहीं लगा कैमरा
रायपुरा चौक और संतोषी नगर चौक के पास ट्रैफिक सिग्नल हटाते समय उसमें लगे
सीसीटीवी कैमरे भी हट गए थे। उसके बाद से इन चौराहों पर दोबारा सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इसी तरह शहर के कई इलाके हैं, जिसके प्रमुख मार्गों पर कैमरे नहीं लगे हैं। इससे अपराधिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लग रहा है।