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छत्तीसगढ़ विधानसभा विशेष सत्र: आरक्षण पर पक्ष-विपक्ष में हुई तीखी बहस, हंगामे के बीच सीएम ने पेश किया अनुपूरक बजट

सत्र (chhattisgarh assembly special session) आहूत कैसे किया जाता है। इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है। इसे लेकर पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई

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छत्तीसगढ़ विधानसभा विशेष सत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र (chhattisgarh assembly special session) के आज दूसरे दिन शुक्रवार को आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। मोहन मरकाम द्वारा विधानसभा की परंपरा के उलंघन का मामला उठाया। इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्रकार ने मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार भंग करने का मामला सदन में उठाया। अजय चंद्राकर ने कहा सत्र की घोषणा होने से पहले ही मोहन मरकाम ने सत्र की जानकारी ट्वीटर में दी। कहा कि मरकाम को कैसे मालूम चल गया कि सत्र इस दिन ही आहूत होगा। ये विधानसभा की अवमानना है।

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विशेषाधिकार भंग कर आसंदी से चर्चा की मांग पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा-विशेष सत्र हम आरक्षण को लेकर बुलाए हैं। सत्र आहूत कैसे किया जाता है। इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है। इसे लेकर पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

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नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने कहा कि चर्चा को 9 दिसम्बर तक टाला जाए। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आरक्षण मांग से भानुप्रतापपुर में लाभ लेने की कोशिश है। विधानसभा अध्यक्ष से आरक्षण पर चर्चा को 9 तारीख तक टाला जाए।

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मुख्यमंत्री ने पेश किया अनुपूरक बजट

आरक्षण पर पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4337 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। इसे विपक्ष ने विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को नियम विरुद्ध बताया। वहीं नियम के उलंघन का हवाला देकर विपक्ष ने वाक आउट कर दिया। कहा कि भाजपा के सदस्य अनुपूरक बजट की चर्चा में भाग नहीं लेंगे। वहीं भाजपा के सदस्य का सदन में बहिर्गमन से माहौल गरमा गया।

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आरक्षण पर विपक्ष ने रखी ये मांग

सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले दो आरक्षण संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्ष ने संयुक्त संशोधन प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। विपक्ष की मांग है कि एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग का आरक्षण 13 की जगह 16 और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) का आरक्षण 4 की जगह 10 फीसदी किया जाए। द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर भी विपक्ष हंगामा कर सकता है। जानकारों का कहना है कि सरकार ने अभी एसटी४ (अनुसूचित जनजाति) वर्ग को 32, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27, एससी को 13 और ईडब्ल्यूएस को 4 फीसदी आरक्षण देने की बात कहीं है।