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खाद्य सुरक्षा में अधिकारियों की लापरवाही आई सामने, पिछड़ा छत्तीसगढ़, इतने मिले अंक

Raipur News : प्रदेश को फूड टेस्टिंग इंफ्रस्ट्राक्चर व सर्विलेंस, मैनपावर, प्रशिक्षण, जागरुकता, उपकरणों और कंज्यूमर एम्पावरमेंट के मामले में 100 में से सिर्फ 27 अंक मिले हैं।

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खाद्य सुरक्षा में अधिकारीयों की लापरवाही आई सामने, पिछड़ा छत्तीसगढ़, इतने मिले अंक

खाद्य सुरक्षा में अधिकारीयों की लापरवाही आई सामने, पिछड़ा छत्तीसगढ़, इतने मिले अंक

Raipur News : फूड सेफ्टी इंडेक्स में छत्तीसगढ़ पिछड़ गया है। प्रदेश को फूड टेस्टिंग इंफ्रस्ट्राक्चर व सर्विलेंस, मैनपावर, प्रशिक्षण, जागरुकता, उपकरणों और कंज्यूमर एम्पावरमेंट के मामले में 100 में से सिर्फ 27 अंक मिले हैं, (Raipur News Update) जो बहुत ही खराब स्थिति है। विभिन्न तरह की सूचनाओं को वेबसाइट में अपलोड नहीं करना इंडेक्स में पिछडऩे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। (CG raipur News) एफएसएसएआई द्वारा तय सैंपलिंग नहीं की जा रही है। खाद्य पदार्थों की जांच के नाम पर विभाग सिर्फ खानापूर्ति ही कर रहा है।

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60 से कम अंक तो कमजोर की श्रेणी में

फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने फूड सेफ्टी इंडेक्स में 100 अंक में से 60 से कम अंक वाले राज्यों को फूड सेफ्टी के मामले में कमजोर स्थिति में शामिल किया है। देश में पहले नंबर पर केरल, (chhattisgarh news) दूसरे पर पंजाब, तीसरे पर तमिलनाडु है। कम अंक मिलने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ समेत राजस्थान, कर्नाटक, आंध्रप्रेदश, असम और बिहार शामिल है।

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किस में कितने अंक मिले

- मानव संसाधन और संस्थागत डेटा प्रबंधन और ऑनलाइन करने में 18 अंक मिलना था, जिसमें से 3.5 अंक प्रदेश को मिले है।

- एफएसएसएआई के आदेशों का अनुपालन के लिए 28 अंक तय थे। 10 अंक मिले हैं।

- लैब की आधारभूत संरचना के लिए 17 अंक तय किए गए थे। 6 अंक मिल पाए हैं।

- प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 8 अंक मिलना था। 5.5 अंक ही मिल पाए हैं।

- उपभोक्ता अधिकारिता के लिए 19 अंक की जगह 2 अंक मिले।

राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिकारी और जांच अधिकारियों की भर्ती के लिए 10 अंक के बदले 0 अंक मिले हैं। इस तरह कुल 27 अंक ही मिल पाए हैं।

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इसलिए पिछड़े

- सैंपलिंग में लापरवाही

- जांच अधिकारियों और लैब स्टाफ की नियुक्ति नहीं।

- फुलटाइम फूड अभिहित अधिकारी नियुक्त नहीं।

- फूड लैब एनएबीएल से मान्य नहीं।

- 98 में से सिर्फ 60 एफएसओ काम कर रहे हैं।

- 5 हजार में से 3 हजार मामले पेंडिंग

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केन्द्र सरकार की वेबसाइट पर सूचनाएं समय पर पर्याप्त डिटेल में अपलोड नहीं हो सकी। समय-समय पर खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।

-केडी कुंजाम, नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग