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प्रथम चरण की 18 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के लिए नोटा बना ‘विलेन’

विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों पर मतदान के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इवीएम में बंद हो गया है

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CGNews

प्रथम चरण की 18 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के लिए नोटा बना ‘विलेन’

राहुल जैन@रायपुर. विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों पर मतदान के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इवीएम में बंद हो गया है। वोट प्रतिशत के आधार पर हार-जीत का आंकलना थोड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में नोटा ने उम्मीदवारों की उम्मीदों पर ग्रहण लगा दिया था। पिछले चुनाव में कुछ परंपरागत सीटों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश सीटों पर जीत-हार के फैसले में नोटा की सबसे अहम भूमिका थी। पहले चरण की 18 में से छह सीट ऐसी है, जहां हार-जीत के अंतर से ज्यादा नोटा को वोट मिले थे। हालांकि इस बार प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा मतदाताओं को दो अन्य दलों का भी विकल्प मिला है। ऐसे में नोटा की भूमिका का पता 12 दिसम्बर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।

प्रदेश की 18 विधानसभा सीटे ही सरकार बनाने की पहली सीढ़ी साबित होगी। यही वजह है कि इन सीटों पर सभी राजनीतिक दलों ने अपना फोकस करके रखा था। लेकिन 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले साबित हुए थे। खैरागढ़, डोंगरगांव, मोहला-मानपुर, कांकेर, और दंतेवाड़ा विधानसभा सीट ऐसी है, जहां हार-जीत के अंतर से अधिक नोटा को वोट मिला था।

छह गुना ज्यादा वोट
मोहला-मानपुर एक ऐसी विधानसभा सीट थी, जहां जीत-हार के अंतर से नोटा को छह गुना अधिक वोट मिले थे। यहां से कांग्रेस की तेजकुंवर गोवर्धन नेताम ने 956 वोटों से जीत हासिल की थी। जबकि यहां के 5742 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। इसी प्रकार खैरागढ़ विधानसभा सीट में कांग्रेस के गिरवर जंघेल 2190 वोट से जीते थे। जबकि नोटा को 4643 वोट मिले थे। डोंगरगांव सीट में 4062 वोट नोटा को मिला था। जबकि जीत-हार का अंतर 1698 वोट था।

चित्रकोट में सबसे ज्यादा नोटा का उपयोग
पिछले विधानसभा चुनाव में चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के प्रति सबसे अधिक नाराजगी देखी गई थी। 18 में से चित्रकोट ही ऐसी विधानसभा है, जहां 10 हजार 848 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। हालांकि यहां जीत-हार का अंतर 12 हजार 329 वोट था। इसके बाद विधानसभा क्षेत्र दंतेवाड़ा में 9 हजार 677 मतदाताओं ने नोटा को अपनी पहली पसंद बताया था। यहां से कांग्रेस की देवती कर्मा ने 5987 वोटों से चुनाव जीता था। जबकि नोटा को 9677 वोट मिले थे।