
सरकार ने कहा - ऑक्सीजन की नहीं है कमी, प्रदेश में कई बेड खाली, हाईकोर्ट ने पूछा फिर हालात इतने भयावह क्यों?
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार को 82 फीसदी आरक्षण मामले में हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए मामले को निराकृत कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में अभी 58 परसेंट रिजर्वेशन ही मान्य रहेगा।
गौरतबल है कि विभिन्न लोगों की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद 1 अक्टूबर, 2019 को सीजे रामचंद्र मेनन व पार्थ प्रीतम की डिवीजन बेंच ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। सुरक्षित फैसले पर कोर्ट की ओर से आगामी आदेश तक रोक लगाई गई थी। उल्लेखनीय है कि आरक्षण को प्रदेश छत्तीसगढ़ में कई संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था और हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं।
इससे पहले प्रदेश में ओबीसी वर्ग को पहले 14 फीसदी आरक्षण मिलता था। राज्य शासन ने पिछले साल अध्यादेश जारी कर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को 27 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले भी अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 से बढ़ाकर 13 फीसदी कर दी गई थी।
कुल मिलाकर अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था। इससे एसटी, एससी व ओबीसी को मिलाकर कुल आरक्षण 82 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
Published on:
27 Feb 2020 04:44 pm
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