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पीलिया के इन 10 लक्षणों को पहचाने में की देरी, तो तुरंत जाए अस्पताल

छत्तीसगढ़ की राजधानी में पीलिया का प्रकोप, ये होते है पीलिया के लक्षण

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jaundice in raipur

रायपुर . छत्तीसगढ़ की राजधानी में आये दिन पीलिया के नए मामले सामने आ रहे है। इस खतरनाक बीमारी की चपेट में अब तक 100 से ज्यादा लोग आ चुके है। लगभग 5 लोगो की मौत हो चुकी है।सरकार कब तक कोई कदम लेगी ये बाद की बात है, लेकिन हमें अपनी तरफ से हर वो कदम उठाने चाहिए जिससे हम सुरक्षित रही।गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा होने वाली 5 बीमारियों में से पीलिया यानि जॉइंडिस(Jaundice) भी एक है।पीलिया आमतौर पर हेपेटाइटिस ए(Hepatitis A) वायरस की वजह से होता है जो दूषित या संक्रमित खानपान से फैलता है। कुछ और बीमारियां जिनमें लिवर पर असर पड़ता है, उसमें भी पीलिया होने की आशंका रहती है। पीलिया का जितनी जल्दी पता लगा लिया जाए उसका इलाज उतना जल्दी हो जाता है। इसलिए ये जरूरी है कि आप इस बीमारी के लक्षणों को पहचानते हों।

त्वचा और आंखों का पीलापन

पीलिया शब्द ही पीले रंग से लिया गया है। त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला हो जाना इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है। ऐसा बिलिरुबिन (bilirubin) का स्तर गिरने के कारण होता है जो कि एक ऐसा पिगमेंट है जो लीवर में रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने से पैदा होता है। इसलिए कोई भी बीमारी जो लीवर के सिस्टम को प्रभावित करती है उसमें भी बिलिरुबिन का स्तर ऊंचा हो सकता है और उसका प्रभाव त्वचा पर दिख सकता है।

यूरीन का गहरा रंग

आमतौर पर ऐसा होता है कि लाल रक्त कोशिकाएं बिलिरुबिन में और फिर बाइल कहलाने वाले एक पिगमेंट में बदल जाते हैं। बिलिरुबिन के असामान्य स्तर होने पर यूरीन में बाइल पिगमेंट की मात्रा बढ़ जाती है। इससे यूरीन का रंग गहरा हो जाता है। इसे पढ़ें – यूरीन इंफेक्शन को नजरअंदाज करने से किडनी हो सकती है फेल

स्टूल में बदलाव

जिस इंसान को पीलिया होता है उसके बिलिरुबिन की अत्यधिक मात्रा का अधिकतर हिस्सा यूरीन में निकल जाता है लेकिन जितना हिस्सा बचता है वो पूरे शरीर की कोशिकाओं में फैल जाता है। और इसी वजह से स्टूल का रंग बदल जाता है।

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पेट दर्द

पीलिया बिले डक्ट में बिलिरूबिन की रूकावट के कारण भी हो सकता है। ये रूकावट आमतौर पर गालस्टोन के रूप में या फिर बाइल डक्ट में सूजन के कारण होती है। इससे पिगमेंट का स्तर बढ़ जाता है। बहुत से लोगों को ऐसे में पेट दर्द होता है। आमतौर पर ये दर्द पेट के दाहिने तरफ होता है। इसे पढ़ें – पीरियड्स का दर्द करे बेहाल तो अपनाएं ये 10 घरेलू उपाय

अत्यधिक थकान

जिन लोगों को पीलिया होता है उनमें सबसे सामान्य लक्षण थकान है। ये आमतौर पर प्राइमरी बाइलिअरी सर्होसिस (primary biliary cirrhosis), प्राइमरी स्केरोसिंग कोलेंजाटाइस (primary sclerosing cholangitis) और बाइल डक्ट सिंड्रोम (bile duct syndrome) में होता है।

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उल्टियां

पीलिया में उल्टी और मतली की शिकायत भी हो सकती है। अगर इसका इलाज ठीक प्रकार से न किया जाए तो आगे चलकर ये समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। इसे पढ़ें – मतली और उल्टी होने के 9 कारणों के बारे में जानें

खुजली

कोलेस्टासिस (cholestasis) की वजह से जिन लोगों को पीलिया होता है उनको खुजली की शिकायत भी हो जाती है।शुरुआत में खुजली हाथों में होती है और फिर पैरों में। फिर धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। रात को खुजली की ये समस्या काफी बढ़ जाती है।

नींद से जुड़ी समस्याएं

जिन लोगों को पीलिया होता है उनमें नींद से जुड़ी समस्याएं काफी आम है। साथ ही, भावनात्मक कष्ट भी महसूस हो सकता है।

दर्दरहित पीलिया

जब पीलिया में दर्द महसूस नहीं होता तो संभव है कि बालइ डक्ट में रुकावट आ रही हो। इस तरह के मामलों में पीलिया में, त्वचा पीली होने के साथ साथ, वजन घटना या दस्त या कब्ज़ जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।

नवजात शिशु को पीलिया

नवजात शिशु को होने वाला पीलिया वयस्कों को होने वाले पीलिया से काफी अलग होता है। शिशुओं को पीलिया लीवर की बीमारी की वजह से नहीं होता। बच्चों का लीवर इतना सक्षम नहीं होता कि वो वयस्कों के लीवर की तरह बिलिरुबिन को कम कर सके। इस वजह से रक्त में बिलिरुबिन जमा हो जाता है और पीलिया हो जाता है। बच्चों में होने वाले पीलिया के सामान्य लक्षण आंखों व त्वचा का पीलापन, अनिद्रा, भूख में कमी और बहुत तेज़ रोना आदि हो सकते हैं।