
Chhattisgarh Lightning Strike: छत्तीसगढ़ में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में 3000 से अधिक लोगों ने बिजली गिरने के कारण अपनी जान गवां दी। वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2019 के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारत में बिजली गिरने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
वैज्ञानिक कहते हैं सबसे अधिक प्रभावित है उत्तरी और मध्य भारत जोन। पिछले पांच वर्षों के बिजली गिरने के डाटा ने चौंकाने वाला तथ्य सामने लाया है। वैसे तो बीते साठ महीनों भारत में बिजली गिरने घटनाएं 53 फीसदी बढ़ी हैं, लेकिन कुछ राज्यों में ये आंकड़ा 300 प्रतिशत तक भी दर्ज हुआ है।
मंगलवार 12 जून को मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिले में बिजली गिरने से 15 मजदूर घायल हो गए। लाइटनिंग डिटेक्शन नेटवर्क ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटरोलॉजी (Lightning Detection Network of Indian Institute of Tropical Meteorology) के वैज्ञानिक कहते हैं छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा भी अति प्रभावित जोन में शामिल हैं।
इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत में 2019-20 में करीब 1.38 करोड़ बार बिजली गिरी थी और 2023-24 में ये आंकड़ा 2.5 करोड़ पार चुका है। बिजली तब गिरती है जब बादल से बादल टकराते हैं या फिर बादल धरती से टकराते (Chhattisgarh Lightning Strike) हैं। मौसम एक्सपर्ट कहते हैं बादल धरती से टकराते हैं तो जान माल का नुकसान अधिक होता है। बीते तीन वर्षों में बादलों की धरती से टकराने की घटना 51.6 लाख से बढ़ कर 72.6 लाख हो गई है। बिजली गिरने की घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं मध्य प्रदेश, झारखण्ड और ओडिशा के आदिवासी क्योंकि उनके घरों की बनावट ऐसी होती है कि उन्हें अधिक हानि उठानी पढ़ती है।
पिछले दो दशकों में भारत के आठ राज्यों में बिजली गिरने से होने वाली मौतों की संख्या में 75 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। ये राज्य हैं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल। वैज्ञानिक कहते हैं मौसम के बदलते तेवर और पूरे विश्व में बढ़ती गर्मी की वजह से बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं।
Updated on:
12 Jun 2024 01:51 pm
Published on:
12 Jun 2024 12:03 pm
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