
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य विभाग में बड़ा बदलाव करने जा रही है। दरअसल लगातार आ रही शिकायतों के बाद साय सरकार बड़ा एक्शन के मूड में हैं। एक ओर जहां स्वास्थ्य अफसरों का तबादला होगा तो वहीं कई डाक्टरों को बर्खास्त करने की तैयारी में है। खबरों की माने तो स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 66 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। जिसमें डॉक्टरों से गैरहाजिर रहने के कारण पूछे गए हैं।
CG Hindi news: जवाब आ जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ऐसे डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर कार्रवाई करेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ में 66 डॉक्टर्स ऐसे हैं, जिनकी ज्वॉइनिंग के बाद वे अपने कार्यस्थल पर पहुंचे ही नहीं हैं। जो पहुंचे थे वे भी लंबे समय से अनुपस्थित हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने गैरहाजिर रहने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ( CG Health Minister Shyambihari Jaiswal ) ने समीक्षा बैठक में कमियों का उजागर होने के बाद अफसरों को फटकार लगाई थी। जिसके बाद मंत्री बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। सख्त निर्देश में यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में जांच की जाए कि कितने डॉक्टर और हैं जो अनुपस्थित हैं। उन पर भी एक्शन होगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने जो आदेश जारी किया है, उसमें लिखा गया है कि आप अपने पदस्थापना स्थल से इस दिनांक से लगातार अनुपस्थित रह रहे हैं। शासकीय सेवको के विरूद्ध छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 3-1/2014/1-3 10.02.2015 में उल्लेख है, कि एक महीने या इससे अधिक समय सीमा तक बिना सूचना के अनुपस्थित नहीं रह सकते हैं। यदि ऐसा करते हैं तो सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 27 सहपठित मूलभूत नियम 17-ए के अधिन सभी उद्देश्यों के लिए सेवा में व्यवधान माना जाएगा।
इस तरह के कर्मचारी का कोई अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। इसके साथ ही ऐसे सरकारी कर्मचारी के खिलाफ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत विभागीय जांच की जाए। इसका निराकरण ज्यादा से ज्यादा 6 माह में पूरा कर लिया जाए। आरोप सिद्ध होने पर सेवासमाप्त व सेवा से बर्खास्त करने की सजा दी जाए।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी नोटिस डॉक्टरों को अपने कार्यस्थल पर सात दिन के अंदर उपस्थित होना अनिवार्य है। इसके अलावा यदि वे पदस्थापना स्थल पर उपस्थित नहीं होते हैं तो कार्यालय प्रमुख को इस बारे में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनमें निराशा है। बीते महीने 23 जून को कोरबा में स्वस्थ्य कर्मचारियों ने एक दिवसीय प्रदर्शन करन वेतन देने की गुहार मंत्री से लगाई।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बीते आठ माह से लंबित कार्य आधारित वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। गृह जिले में स्थानांतरण की अनुमति एवं मुख्यालय निवास का दायरा आठ किमी अंतर्गत रखने की मांग की है। इसके अलावा कांकेर जिला संयोजक पवन कुमार वर्मा की सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करने की मांग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मंत्री से की।
Updated on:
08 Jul 2024 05:26 pm
Published on:
08 Jul 2024 05:20 pm
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