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मोदी सरकार के इस फैसले पर बोली जनता, नाबालिग से रेप के दोषियों को सरेआम दो फांसी या मार दो गोली

मोदी सरकार के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के कवर्धा और रायपुर में मासूम नाबालिगों के साथ हुए दुष्कर्म का मामला एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है।

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Death For Child Rapists

रायपुर . नाबालिग से दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने शनिवार को 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने पर मुहर लगा दी है। केन्द्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद दुष्कर्म की शिकार नाबालिगों में न्याय की आस जगी है। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की बढ़ती घटनाओं से देशभर में गुस्सा है।

मोदी सरकार के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के कवर्धा और रायपुर में मासूम नाबालिगों के साथ हुए दुष्कर्म का मामला एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है। सवाल उठना जायज है कि क्या दुष्कर्म की शिकार नाबालिगों को न्याय मिलेगा। क्या नाबालिगों की आबरू से खिलवाड़ करने वाले दरिंदों को सजा मिलेगी।

नाबालिगों से दुष्कर्म मामले पर केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले की छत्तीसगढ़ की जनता सराहना की है। मीडिया स्टूडेंट आलोक यादव ने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे इस बात का बहुत ही अफसोस है सरकार ने यह फैसला लेने में इतना समय क्यूं लगाया।

सरकारी कर्मचारी चंद्रेश चंद्राकर का कहना है कि नाबालिगों के दुष्कर्म के खिलाफ मोदी सरकार का यह सख्त कदम सराहनीय है। इससे दुष्कर्म के मामलों में लगाम लगेगी।

दुष्कर्म की घटनाओं से नाराज कॉलेज स्टूडेंट आकांक्षा ने सरकार से पूछा कि क्या इससे अपराध कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एेसी सजा के लिए फांसी बहुत छोटी सजा है, इस तरह के अपराध के लिए दोषियों के लिए फांसी की सजा भी बहुत कम है।

गृहिणी ममता ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई और कहा कि दुष्‍कर्म के दोषियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई नरमी नहीं बरतनी चाहिए। ऐसे दोषियों को आम जनता के सामने फांसी पर लटका देना चाहिए या फिर सरेआम गोली मार देनी चाहिए।

नाबालिगों के दुष्कर्म के खिलाफ केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले पर रायपुर के चंदू निर्मलकर ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला सही कदम है। निर्भया कांड का जिक्र करते हुए चंदू ने कहा कि नाबालिगों द्वारा अपराध किए जाने के बाद सजा को लेकर उम्र में बदलाव किए गए थे। वहीं ब्लात्कारियों को फांसी देने और दुष्कर्म मामले की जांच जल्द करने से पीडि़तों को न्याय मिलेगा।

कोरबा के दीपक साहू ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि पूरी जांच की सीमा २ माह से घटाकर १ माह करनी चाहिए। इससे जनता में न्यायपालिका के प्रति विश्वास और बढ़ेगा।

एनएसयूआई का प्रदर्शन
वहीं रायपुर में हुए नाबालिग दुष्कर्म के खिलाफ एनएसयूआई ने आज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इस मामले में स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की।