
छत्तीसगढ़ घोटाले (Photo source- Patrika)
Chhattisgarh scam: राज्यस्रोत नि:शक्तजन संस्थान अस्पताल के नाम पर छत्तीसगढ़ में हुए एक हजार करोड़ के घोटाले में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। जस्टिस पीपी साहू, जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने बुधवार को दिए अपने आदेश में कहा कि इस मामले में राज्य के 6 आईएएस समेत अन्य अधिकारियों पर लगाए गए आरोप प्रारंभिक तौर पर सही पाए गए।
इस गंभीर मामले की स्थानीय एजेंसियों और पुलिस से जांच कराना सही नहीं होगा। हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों में सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू करने कहा है। बता दें कि मामले में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के बाद डिवीजन बेंच ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पूर्व में घोटाले की सीबीआई जांच कराने के निर्देश दिए थे। सीबीआई जबलपुर ने इससे पहले मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
इसी बीच घोटाले के आरोप में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सीबीआई जांच पर रोक की मांग की थी। प्रकरण की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए प्रकरण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को वापस भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन अधिकारियों का पक्ष सुनने के निर्देश भी दिए थे। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 25 जून 2025 को फैसला सुरक्षित कर दिया था।
Chhattisgarh scam: बुधवार को जारी आदेश में कोर्ट ने प्रकरण को बहुत गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया है। याचिका के मुताबिक राज्य को संस्था के माध्यम से 1000 करोड़ का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा, जो कि 2004 से 2018 के बीच में 10 साल से ज्यादा समय तक किया गया। छत्तीसगढ़ के कुछ वर्तमान और रिटायर्ड आईएएस अफसरों पर एनजीओ के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए 2017 में वकील देवर्षि ठाकुर के माध्यम से याचिका दायर की।
विवेक ढांड: इस मामले में राज्य के 6 आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एमके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत समाज कल्याण विभाग व संबंधित अधिकारी सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा पर आरोप लगाया गया है।
Updated on:
25 Sept 2025 11:45 am
Published on:
25 Sept 2025 11:41 am
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