
रायपुर. बच्चों के दीर्घायु के लिए किए जाने वाले छठ पुजा में बच्चों को जाने की अनुमती नहीं रहेगी। कलेक्टर ने छठ पूजा स्थलों में छोटे बच्चों एवं बुजुर्ग को जाने पर रोक लगा दी है। यह आदेश कारोना से बचाव के लिए जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्र में धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रम आयोजन के लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) जारी किया है।
इस संबंध में मंगलवार को कलेक्टर डॉ.एस.भारतीदासन ने नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए छठ पूजा के लिए निर्देश जारी किये हैं। निर्देशों के अनुसार छठ पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल होगे। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजन समितियो की होगी। छठ पूजा स्थलों पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क व सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन तथा समय-समय पर सेनेटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
दो घंटे पटाखा फोडऩे की छूट
छठ पूजा में किसी प्रकार के जुलूस/सभा/रैली/सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। छठ पूजा स्थलों में पान, गुटखा, इत्यादि खाकर अन्यथा थूकना प्रतिबंधित रहेगा। राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार छठ पूजा में सुबह 06 बजे से प्रात: 08 बजे तक ही हरित (ग्रीन) पटाखे फोडऩे की अनुमति रहेगी।
एसओपी का पालन नहीं करने पर आयोजकों पर हो सकेगी कार्रवाही
नदी, तालाब के गहरे पानी में जा कर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी। आयोजनकर्ता को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश दिनांक 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सहपठित एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत विधि अनुकूल कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
Published on:
17 Nov 2020 09:58 pm
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