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अब तक सिर्फ आठ फिल्में चलीं 100 दिन, क्या सतीश जैन फिर मचाएंगे धमाल?

छालीवुड एनॉलिसिस: बॉयोपिक और हॉरर को नहीं मिली सफलता

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अब तक सिर्फ सात फिल्में चलीं 100 दिन, क्या सतीश जैन फिर मचाएंगे धमाल

देखना होगा 13 को आने वाली फिल्म चल हट कोनो देख लीही क्या गुल खिलाएगी।

ताबीर हुसैन @ रायपुर. छालीवुड को कमर्शियल सिनेमा के तौर पर 22 साल हो गए हैं। हालांकि इस दौरान जितनी भी फिल्में बनीं वह फैमिली ड्रामा और मसाला ही रहीं। अगर बात उन फिल्मों की करें जिन्होंने 100 दिन या उससे ज्यादा चलने का रेकॉर्ड बनाया तो उन्हें अंगुलियों में गिना जा सकता है। कुल सात फिल्मों ने 100 या उससे ज्यादा दिन चलीं और इनमें से 6 को सतीश जैन ने डायरेक्ट किया है। वैसे कहि देबे संदेस और घर द्वार के बाद अब तक लगभग डेढ़ सौ फिल्में बन चुकी हैं। इनमें से कई फिल्में ऐसी पिटी की प्रोड्यूसर सड़क पर आ गया। वहीं कुछ तो रातों रात अमीर बन गए। सतीश जैन की फिल्म चल हट कोनो देख लीही 13 मई को आ रही है। पुराने रेकॉर्ड को देखें तो यह फिल्म सफलता के झंडे गाड़ेगी लेकिन कितने दिन चलेगी यह तो वक्त ही बताएगा। वैसे जैन फिल्म की सफलता को लेकर आश्वस्त है। वे कहते हैं फिल्म पूरी तरह मसाला और एंटरटेनमेंट से भरपूर है। दरअसल, जिन चेहरों के नाम से फिल्में चला करती थीं, वह दौर गुजर चुका है। इसका उदाहरण है अनुज शर्मा की मार डरे मया मा। इसके बाद मन कुरैशी और अनिकृति की इश्म म रिस्क है भी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सतीश जैन की फिल्म क्या गुल खिलाती है।

बेहतर प्रदर्शन करने वाली फिल्में

मोर छइंहा-भूइंहा- 25 हफ्ता

झन भूलो मां-बाप ल: सतीश जैन ने बताया कि यह फिल्म रायपुर में 12 हफ्ता और बिलासपुर में 25 हफ्ता चली। जबकि अनुज शर्मा का दावा है कि यह फिल्म बिलासपुर में 28 हफ्ता चली।
मया देदे, मया लेले- 100 दिन से ज्यादा
परदेशी के मया- 100 दिन से ज्यादा
मया- 20 हफ्ता से ज्यादा
टूरा रिक्शा वाला- 100 दिन से ज्यादा
लैला टिपटॉप-छैला अंगूठा छाप- 100 दिन से ज्यादा
हंस झन पगली फंस जबे- 100 दिन से ज्यादा

मंदरा जी हुई फ्लाप

राजनांदगांव के रवेली निवासी दाऊ दुलार सिंह ने नाचा पार्टी बनाई थी। उन्होंने नाचा को एक मुकाम तक पहुंचाया। उन्हीं के नाम पर पहली बॉयोपिक बनी मंदराजी। हालांकि फिल्म को सफलता नहीं मिली लेकिन अभिनेता करण खान की एक्टिंग को सराहा गया। इसके अलावा शहीद वीर नारायण पर भी फिल्म आई थी जो नहीं चली। इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और महेंद्र कर्मा पर बॉयोपिक बनाई जा रही है।

हॉरर को नकारा

वैसे तो कई छोटी फिल्में हैं जो हॉरर थी लेकिन एक फिल्म है जिसका नाम उल्लेख किया जा सकता है- मैं दीया, तैं मोर बाती। दिलेश साहू और अनिकृति चौहान अभिनीत फिल्म बुरी तरह पिटी।