
हार्वर्ड में सीएम ने की राजनीति में जातीय आरक्षण की वकालत
रायपुर. अमरीका प्रवास पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार आधी रात बोस्टन स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भारत सम्मेलन को संबोधित किया। लोकतांत्रिक भारत में जाति और राजनीति विषयक इस परिचर्चा में मुख्यमंत्री ने राजनीति में जातीय आरक्षण की वकालत की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जातियों को जब तक राजनीति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता। उनकी जनसंख्या के अनुपात में उनके अधिकार सुरक्षित नहीं किए जाते, तब तक हम उत्पादन के अधिकार और गौरवपूर्ण नागरिकता को सुरक्षित नहीं कर पाएंगे। हम डॉ. भीमराव आम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलकर ही मजबूत राष्ट्र बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, जातियों की आर्थिक और सामाजिक मजबूती के लिए गुरु घासीदास के आदर्श मनखे-मनखे एक समान को बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने जाति, राजनीति, भूगोल, इतिहास और संस्कृति के अंतरसंबंधों की चर्चा करते हुए कहा, भारत में जाति और राजनीति परंपरा से दो बिंदु हैं। जाति, उत्पादन के साधन और गौरवपूर्ण जीवन का निर्धारण करती है वहीं राजनीति आर्थिक सुरक्षा और सांस्कृतिक उत्थान को निर्धारित भी करती है और प्रभावित भी। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के मानस पर संत कबीर, गुरु घासीदास और स्वामी आत्मानंद का प्रभाव रहा है। इसकी वजह से वहां भेदभाव नहीं है। वहां जाति व्यववस्था तो है लेकिन जातीय वैमनस्यता नहीं दिखती। मुख्यमंत्री ने हार्वर्ड के एक शोधकर्ता डॉ. सूरज एंगड़े के साथ सामाजिक-आर्थिक विषयों पर परिचर्चा की। हार्वर्ड में अध्ययन कर रहीं प्रदेश की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. एम गीता ने मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज का परिचय दिया। आयोजन में हार्वर्ड प्रशासन के लोग, प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।
Published on:
16 Feb 2020 02:41 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
