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Vinod Kumar Shukla: हिंदी साहित्य के युगपुरुष को नमन, श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए कुमार विश्वास

Vinod Kumar Shukla: श्रद्धांजलि कार्यक्रम में साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने उनके साहित्यिक योगदान को याद किया।

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विनोद कुमार शुक्ला को कुमार विश्वास ने दी श्रद्धांजलि (photo source- Patrika)

विनोद कुमार शुक्ला को कुमार विश्वास ने दी श्रद्धांजलि (photo source- Patrika)

Vinod Kumar Shukla: मशहूर कवि और वक्ता कुमार विश्वास छत्तीसगढ़ के जाने-माने लेखक विनोद कुमार शुक्ल को श्रद्धांजलि देने रायपुर पहुंचे। दिवंगत लेखक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे हिंदी साहित्य जगत के लिए एक अनमोल धरोहर थे।

Vinod Kumar Shukla: श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा

रायपुर में आयोजित एक श्रद्धांजलि समारोह में कुमार विश्वास ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल की लेखनी में सादगी, संवेदनशीलता और मानवीय सरोकार गहराई से झलकते थे। उनकी कविताएँ और रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी। इस अवसर पर शहर के कई साहित्यकार, लेखक, कवि और बुद्धिजीवी भी मौजूद थे। सभी ने दिवंगत लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा। कार्यक्रम में विनोद कुमार शुक्ल के साहित्यिक योगदान पर विस्तार से चर्चा भी हुई।

शोक सभा का माहौल भावुक था, और साहित्य प्रेमियों ने उन्हें हिंदी साहित्य में एक महान हस्ती बताया। छत्तीसगढ़ अपने स्थापना के पच्चीस वर्षों की यात्रा पूरी कर रजत जयंती मना रहा है। यह यात्रा केवल विकास की नहीं, बल्कि आत्मपहचान और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की भी रही है। स्थायी राजनीतिक नेतृत्व, सशक्त कृषि और उद्योग के साथ-साथ इस राज्य ने साहित्य और कला के क्षेत्र में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

असली ताकत बोली के सहज स्पर्श

Vinod Kumar Shukla: इन्हीं सृजनशील प्रवाहों के साक्षी और संवाहक हैं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, जिनकी दृष्टि में भाषा की असली ताकत बोली के सहज स्पर्श में बसती है, वह बोली जो जीवन के गिट्टीभरे रास्तों पर भी कविता खोज लेती है, जहां मजदूरनी मां अपने बच्चों संग सोती है, और वहीं से जागती है एक सच्ची भाषा, जो किसी गद्देदार बिस्तर की सुविधा से नहीं, जीवन के अनुभव से उपजती है। रायपुर के विकास को लेकर शुक्ल कहते हैं कि मुझे आसपास जो संपूर्ण सा लगता है वही सही मायने में विकास है।